पाक में 48 घंटे पहले मानसिक रोगी कैदी की फांसी पर लगी रोक

Monday, Jan 14, 2019 - 10:30 AM (IST)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में मानसिक रूप से बीमार एक कैदी को लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। जानकारी के अनुसार पाक के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार ने मानसिक रूप से बीमार एक पुलिसकर्मी की फांसी की सजा पर 48 घंटे पहले रोक लगा दी। कैदी की मां और उसकी मौत की सजा के निलंबन की मांग कर रहे मानवाधिकार समूहों की अपील के बाद खिजर हयात की फांसी की सजा को निलंबित कर दिया गया।  इस निलंबन से एक दिन पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 15 जनवरी को लाहौर की कोट लखपत जेल में हयात को फांसी दिया जाना तय किया था।

हयात को अपने साथी अधिकारी की गोली मार कर हत्या करने के जुर्म में 2003 में मौत की सजा सुनाई गई थी। उसने करीब 15 साल जेल में गुजारे हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, उसपर जेल में साथी कैदियों द्वारा कई बार हमले किए गए और जिस कारण वह मानसिक रोगी बन गया। हयात का 2008 में शिजोफ्रेनिया बीमारी का इलाज किया गया था। उसकी हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे बिल्कुल भी याद नहीं है कि वह जेल में कितने सालों से है और उसे किस बात की दवाई दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 'मामले को संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस ने कैदी की सजा पर आगे के आदेश तक रोक लगा दी और अब इस पर 14 जनवरी को सुनवाई होगी।'

2010 में जेल के मेडिकल अधिकारी ने सुझाव दिया था कि हयात को विशेष इलाज की जरूरत है और उसे मनोचिकित्सक के पास भेजा जाना चाहिए। हालांकि, यह कभी हो नहीं पाया। हयात की मां ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी भेजकर अपील की थी कि वह कोट लखपत जेल में जाकर मानसिक रोग से पीड़ित कैदियों से मिलें और इस बात की जांच करें कि उनके बेटे को किस तरह की दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने अपील की थी कि हयात के मेडिकल रिकॉर्ड की जांच की जाए ताकि यह पता चल सके कि उसे उचित इलाज क्यों नहीं दिया जा रहा और उसकी हालत दिन-ब-दिन क्यों बिगड़ती जा रही है।
 

Tanuja

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