पाक में मुस्लिम युवक को मिली धर्मांतरण की मंजूरी

Tuesday, Mar 28, 2017 - 01:01 PM (IST)

इस्लामाबादः अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिए कुख्यात पाकिस्तान से धर्मांतरण का एक अनूठा मामला सामने आया है। अधिकारियों ने 29 साल के एक युवक को इस्लाम छोड़कर यहूदी धर्म स्वीकार करने की इजाजत दी है। फिशेल बेनखाल्द नामक इस युवक ने राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट के लिए आवेदन करते वक्त अपने धर्म के कॉलम में यहूदी लिखने की इजाजत मांगी थी। बिना अनुमति ऐसा करना स्वधर्म त्याग माना जाता जिसके लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

अखबार एक्सप्रैस ट्रिब्यून के मुताबिक पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने हाल ही में फिशेल के उस आग्रह को स्वीकृति प्रदान की जिसमें उसने यहूदी धर्म का उल्लेख करने को लेकर इजाजत मांगी थी। नैशनल डेटाबेस और पंजीयन प्राधिकरण (N.A.D.R.A.) में उसका नाम फैसल और धर्म इस्लाम लिखा था। फिशेल मुस्लिम पिता और यहूदी मां के घर 1987 में कराची में पैदा हुए थे। पिता के धर्म की वजह से उनका धर्म भी दस्तावेजों में इस्लाम लिखा गया। लेकिन, उन्होंने बीते साल N.A.D.R.A.को आवेदन देते हुए कहा था कि वह अपनी इच्छा से यहूदी बनना चाहता है। N.A.D.R.A.  ने इसके बाद गृह मंत्रालय से राय मांगी थी।

सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने कहा है कि आवेदक को अपनी इच्छा से धर्म चुनने की इजाजत देनी चाहिए। आमतौर पर N.A.D.R.A.  इस तरह के आग्रह को ठुकरा देता है। अखबार के अनुसार इस संबंध में प्राधिकरण और मंत्रालय के बीच इसी साल फरवरी-मार्च में पत्राचार हुआ था। कराची में यहूदियों के एक पुराने कब्रिस्तान को बचाने के लिए अभियान चला रहे फिशेल ने इसे एक मील का पत्थर बताया है। JUI-F के सीनेटर और धार्मिक विद्वान मुफ्ती अब्दुल सत्तार ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक बच्चा अपने माता-पिता का धर्म मानने के लिए बाध्य नहीं होता।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में यहूदियों की संख्या बेहद कम है। जो हैं वे भी अपनी पहचान सार्वजनिक तौर पर छिपाते हैं। N.A.D.R.A. के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान, पते से जुड़ी जानकारी अत्यंत गोपनीय रखी जाती है। देश में करीब 745 यहूदी परिवार पंजीकृत हैं। इनके समर्थन में खड़े होने के कारण फिशेल को कई बार कट्टरपंथी निशाना भी बना चुके हैं।

 

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