धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए पाकिस्तान नहीं सुरक्षित जगह: मानवाधिकार कार्यकर्त्ता

Tuesday, Sep 22, 2020 - 01:06 PM (IST)

लंदनः ब्रिटेन में रहने वाले एक पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्त्ता ने कहा है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है। जिनेवा में UNHRC के 45 वें सत्र में भाग लेने वाली अनिला गुलज़ार ने बताया कि 14 वर्षीय हिंदू लड़की महक का अपहरण कर उसे इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया गया।

 

उसने अदालत में गुहार लगाई और अपने मुस्लिम अपहरणकर्ता पति के साथ जाने से इंकार कर दिया, लेकिन न्यायाधीश ने उसे एक बाल अभयारण्य में भेज दिया और कहा कि जब महक 16 वर्ष की होगी तो उसे उसके पति को वापस भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए कोई जगह नहीं बची है क्योंकि उन्हें सताया जा रहा है। गुलज़ार ने कहा कि हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कर उनके निकाह कराए जा रहे हैं ।

 

उन्होंने कहा कि लाहौर में आसिफ परवेज नाम के एक 37 वर्षीय ईसाई को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था, हालांकि, जब उन्होंने इंकार कर दिया तो उन्हें होजरी कारखाने में अपनी नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और 2013 में गिरफ्तार कर लिया गया।

 

अनीला ने कहा कि सैकड़ों निर्दोष लोग ईश निंदा कानून के तहत पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं और कई लोग उत्पीड़न के डर से थाईलैंड, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देशों में भाग गए । मानव अधिकार कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया कि वे उनकी देखभाल करें।

Tanuja

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