2 साल बाद खत्म हुईं पाकिस्तानी सैन्य अदालतें

Saturday, Jan 07, 2017 - 03:53 PM (IST)

इस्लामाबाद:अब तक161आतंकियों को मौत की सजा सुना चुकी पाकिस्तान की विवादित सैन्य अदालतें 2 साल बाद आज खत्म कर दी गईं।

इन अदालतों का गठन सेना के एक स्कूल पर तालिबान के घातक हमले के बाद कट्टर आतंकियों की त्वरित सुनवाई के लिए किया गया था।उस हमले में लगभग 150 बच्चे मारे गए थे।इन अदालतों की स्थापना संविधान में संशोधन के जरिए की गई थी।यह संशोधन 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के स्कूल पर किए गए हमले के बाद किया गया था।इस कदम से भारी बहस छिड़ गई थी और अदालतों में विभिन्न मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे देश के संविधान और अंतर्राष्ट्रीय चार्टरों में वर्णित मूलभूत मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया था।


इन अदालतों को काम करने दिया गया क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने संसद द्वारा वर्ष 2015 में लागू किए गए 21वें संवैधानिक संशोधन और पाकिस्तान सेना(संशोधन)विधेयक,2015 को वैध करार दिया था।संशोधन में यह सुनिश्चित किया गया था कि ये अदालतें दो साल बाद खत्म होंगी।सेना द्वारा नागरिकों पर मुकदमा चलाने की असाधारण ताकतों की समाप्ति के बारे में सरकार या सेना की आेर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया क्योंकि इन्हें 2 साल बाद खत्म हो ही जाना था।सैन्य अदालत में पहली दोषसिद्धियां अप्रैल 2015 में हुईं और अंतिम दोषसिद्धि 28 दिसंबर 2016 को की गई। 
 

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