लाहौर की NA-120 सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू, क्या नवाज बचा पाएंगे अपना गढ़?

Sunday, Sep 17, 2017 - 10:56 AM (IST)

लाहौर: पाकिस्तान के लाहौर में कड़ी सुरक्षा के बीच एनए-120 सीट पर उपचुनाव के लिए आज मतदान चल रहा है जहां प्रधानमंत्री पद से आयोग्य करार दिए गए नवाज शरीफ की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। इस चुनाव से सत्तारूढ़ पीएमएल-एन यह संकेत देने की कोशिश कर रही है कि उसके नेता को पद से हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जनता ने खारिज कर दिया है। लाहौर में एनए-120 सीट शरीफ परिवार का गढ़ मानी जाती है।
चुनाव में कुल 44 उम्मीदवार 
पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरीफ को प्रधानमंत्री पद से आयोग्य करार दिए जाने के बाद 28 जुलाई से यह सीट खाली है। मतदान आज सुबह 8 बजे शुरु हुआ और शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव में कुल 44 उम्मीदवार मैदान में हैं। पाकिस्तान सेना के कर्मी मतदान प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं। मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतगणना शुरू होगी।
पाक मीडिया की खबर के मुताबिक
डॉन की एक खबर के मुताबिक,‘‘पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार निर्वाचन क्षेत्र में बायोमीट्रिक वोटर वेरिफिकेशन मशीनों का परीक्षण किया जा रहा है। करीब 30,000 मतदाता बायोमीट्रिक मशीनों पर अपने वोट डालेंगे।’’ इस सीट पर शरीफ की पत्नी कुलसुम और क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की उम्मीदवार डॉ. यास्मीन राशिद के बीच नजदीकी मुकाबला रहने की संभावना है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 320,000 से ज्यादा मतदाता पंजीकृत है।
कुलसुम इस समय लंदन में हैं जहां उनका गले के कैंसर का इलाज चल रहा है। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी बेटी मरियम नवाज अपनी मां के चुनाव अभियान को चला रही हैं। मरियम ने कल कहा था कि लोग इस संकल्प के साथ बेगम कुलसुम के पक्ष में वोट देंगे कि वे किसी को भी वोट का अपमान नहीं करने देंगे।राशिद ने कहा कि उनका मुकाबला कुलसुम से नहीं है बल्कि पीएमएल-एन और शरीफ परिवार की संघीय और प्रांतीय सरकारों से है। उन्होंने कहा,‘‘अरबों रुपए खर्च करने के अलावा राज्य के तंत्र को चुनाव आयोग की आचार संहिता के घोर उल्लंघन में मतदाताओं को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया गया।’’ वर्ष 1990 के बाद से इस निर्वाचन क्षेत्र से बतौर प्रधानमंत्री शरीफ 3 बार निर्वाचित हुए। शरीफ पहली बार वर्ष 1985 में इस क्षेत्र से नेशनल असेंबली की सीट जीते थे। उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी और पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे।  
 

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