पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने आलोचना पर अंकुश के लिए इमरान सरकार को लगाई फटकार

Sunday, Oct 04, 2020 - 04:20 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग (HRCP) ने हाल ही में पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) द्वारा जारी आदेश को गंभीरता से लिया है, जिसमें समाचार चैनलों के इंटरव्यू और अपराधिक खबरों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। मानवाधिकार आयोग ने PEMRAद्वारा हाल ही में  प्रधानमंत्री इमरान खान के महत्वपूर्ण राजनीतिक विरोधियों की आवाज को दबाने पर भी जमकर नारेबाजी की ।

 

मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकारों के हनन के मामलों में चिंताजनक करार देते कहा है कि बीते वर्ष जिस तरह की घटनाएं हुईं उनमें राजनीतिक असहमति को दबाने के लिए मानवाधिकारों के खिलाफ जाकर कार्रवाई की गई। आयोग ने कहा कि इमरान सरकार में राजनीतिक असहमति को सोची-समझी रणनीति के तहत जनता की आवाज को कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने मुख्यधारा के मीडिया पर प्रहार किया, फोन और इंटरनेट की निगरानी की जा रही और सोशल मीडिया पर बंदिशें थोपी गईं। बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रहार हो रहा।

 

आयोग ने कहा है कि देश में संवेदनशील मुद्दों पर खुले में बोलना और लिखना मुश्किल हो गया है। आयोग ने साफ लफ्जों में कहा है कि पाकिस्‍तान में खुलकर बोलना अब मुश्किल हो गया है। ऐसा करने वालों पर देश के खिलाफ काम करने और सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के विरुद्ध काम करने के आरोप लग जाते हैं। कुछ मामले में बोलने और लिखने वाला गायब भी हो गया है। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में कार्यरत कई पत्रकारों को इस तरह की अप्रिय स्थितियों से गुजरना पड़ा है।

 

बता दें कि  PEMRA ने पिछले महीने देश के पंजाब प्रांत में हुए एक बर्बर गैंगरेप की घटना के बारे में दिखाए जाने को लेकर अपने यहां के सभी टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस के अनुरोध पर एक ट्रायल कोर्ट द्वारा यह आदेश पारित किया गया है। शुक्रवार को पेमरा के जनरल मैनेजर (ऑपरेशंस-ब्रॉडकास्ट मीडिया) मुहम्मद ताहिर द्वारा जारी एक निर्देश के मुताबिक, यह निर्देश सभी सैटेलाइट टीवी चैनल्स के लिए है।

 

Tanuja

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