PM इमरान ने खुद दिया तालिबान से रिश्तों का पुख्ता सबूत, कहा- TTP से भी चल रही सुलह की बात
Saturday, Oct 02, 2021 - 04:37 PM (IST)
इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का तालिबान प्रेम अब खुलकर सामने आ गया है । इमरान खान ने तालिबान के साथ रिश्तों का सबूत आखिरकार खुद ही दे दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान इमरान ने माना है कि देश में आतंक मचाने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ सरकार की बातचीत चल रही है और इसमें अफगान तालिबान मदद कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से "सुलह-सफाई" के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है।
‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक खान ने तुर्की सरकार के स्वामित्व वाले टीआरटी वर्ल्ड न्यूज चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि टीटीपी बनाने वाले अलग-अलग समूह हैं और उनमें से कुछ शांति के लिए पाकिस्तान सरकार से बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। यह सुलह-सफाई की प्रक्रिया है।’’यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आतंकवादियों को हथियार डालने के लिए कह रही है, खान ने कहा, ‘‘हां, हम उन्हें माफ कर देते हैं और वे सामान्य नागरिक बन जाएं।’’इस सवाल पर कि सरकार के साथ बातचीत के दौरान TTP पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमले क्यों कर रहा था, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ‘‘हमलों का सिलसिला’’ था।
खान ने कहा, ‘‘हो सकता है कि हम अंत में किसी निष्कर्ष या समझौते पर नहीं पहुंच सकें, लेकिन हम बात कर रहे हैं।’’इस सवाल पर कि क्या अफगान तालिबान टीटीपी और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के तौर पर काम कर रहा है, खान ने कहा, ‘‘चूंकि बातचीत अफगानिस्तान में हो रही थी, इसलिए उस अर्थ में, हां।’’ अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकलने के साथ ही तालिबान की तेज होती रफ्तार को पाकिस्तान की साजिश बताया जा रहा था लेकिन दोनों पक्ष इसका खंडन करते रहे।
आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाने जाने वाला TTP, अफगान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र स्थित एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। इसने पूरे पाकिस्तान में कई बड़े आतंकवादी हमले किए हैं और हमलों की साजिश रचने के लिए अफगान सरजमीं का कथित तौर पर इस्तेमाल किया है। खबर थी कि अगस्त में युद्धप्रभावित देश पर कब्जे के बाद अफगान तालिबान ने टीटीपी के कुछ कट्टर आतंकवादियों को मुक्त कर दिया था जिनमें उसका प्रमुख कमांडर मौलवी फकीर मोहम्मद शामिल था।