पाकिस्तान में बिजली कटौती कारण हाहाकार,  हजारों के बिल उड़ा रहे गरीबों के होश

Tuesday, Aug 16, 2022 - 06:32 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार जाने के बाद सत्ता की बागडोर बेशक शहबाज शरीफ ने संभाल ली हो लेकिन देश के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। जनता पहले भी बिजली-पानी, महंगाई जैसी समस्याओं से जूझ रही थी और आज भी वहीं हाल है। देश  बिजली कटौती और महंगाई के सबसे गंभीर संकट से जूझ रहा है। बिजली की कमी के परिणामस्वरूप यहां लंबे समय तक लोड शेडिंग होती है  जो 12 से 20 घंटे तक चलती है। इस कारण जहां लोगों का आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं काम धंधे भी चौपट हो रहे हैं।  

 

पाकिस्तान में  26,000 मेगावाट की मांग के मुकाबले बिजली की आपूर्ति सिर्फ 19,500 मेगावाट हो पा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश के कराची शहर में भी बुरा हाल है।यहां ग्रामीण इलाकों में 12 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है।  पाकिस्तान में ईंधन की कमी और अन्य तकनीकी नुकसानों के कारण कई बिजली संयंत्रों के बंद होने से बिजली की कमी हो गई है  जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्‍तान के कई इलाकों में ब‍िजली गुल हो गई है। लोगों का कहना है कि पूरा दिन बिजली का लुका-छिपी का खेल चलता है। अगर 20 मिनट बिजली आती है तो साथ ही आधे घंटे का कट लग जाता । ऊपर से आफत यह है कि गरीब घरों के बिल भी हजारों रुपए में आ रहे हैं।

 

कराची में एक शख्स ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि  उसके घर में 2 बल्ब और 2 पंखे ही चलते है लेकिन उसका बिल 50 हजार रुपए आया है। वो एक गरीब आदमी है ऐसे में वह इतना बिल कहां से चुकाएगा। इसी तरह कई अन्य लोगों ने भी शहबाज सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली और अपनी नीतियों में जल्द सुधार कर जनता को बिजली की कमी और महंगाई जैसी समस्याओं से जल्द निजात दिलाने की मांग की। 

 

 गौरतलब है कि कमजोर शासन, ऊर्जा क्षेत्र के कुप्रबंधन और निवेश बिजली उत्पादन क्षमता की कमी के कारण पाकिस्तान में बिजली की आपूर्ति मांग से 32% कम हो गई है। बिजली उत्पादन में कमी के लिए ईंधन की कमी और तकनीकी कारणों से बिजली संयंत्रों के बंद होने का मुख्य कारण है। पाकिस्तान का हाइड्रो पावर प्लांट 3,674 मेगावाट बिजली पैदा कर रहा है, जबकि सरकार के थर्मल पावर प्लांट 786 मेगावाट बिजली पैदा कर रहे हैं।

Tanuja

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