‘माले घोषणा'' में पाकिस्तान को नहीं मिली तरजीह, भारत के सुझावों को किया गया शामिल

Monday, Sep 02, 2019 - 08:12 PM (IST)

माले (मालदीव): दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन में ‘माले घोषणा' को अपनाते हुए भारत के सुझावों को शामिल किया गया है जबकि पाकिस्तानी शिष्टमंडल के सभी दावों को खारिज कर दिया गया। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार सम्मेलन में पारित ‘माले घोषणा' में भारत के सुझावों को जगह दी गई है। इसमें ‘समान पारिश्रमिक और युवाओं के लिए रोजगार सृजन, कार्य में समानता को बढ़ावा देना, सतत विकास लक्ष्य दो और तीन, एशिया प्रशांत क्षेत्र में मातृ शिशु और किशोरों के लिए पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त करना और पर्यावरण परिवर्तन संबंधी वैश्विक एजेंडे को बढ़ावा देने के साथ ही पेरिस समझौते को लागू करने संबंधी चुनौतियों से निपटने तथा इसके क्षेत्रीय एजेंडे को सुद्दढ़ करने के लिए अवसरों का उपयोग करने की बात शामिल है। 

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के पक्ष को माले घोषणा में कोई तरजीह नहीं दी गई है। इसमें उसकी सभी बातों की अनदेखी की गई है। उल्लेखनीय है कि सम्मेलन में रविवार को पाकिस्तानी प्रतिनिधि मंडल में शामिल वहां की नेशनल एसेम्बली की उपाध्यक्ष ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी जिसका राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मुद्दे को इस मंच पर उठाया जाना पूरी तरह गलत है। 

पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सीमा पार आतंकवाद फैलाना और आतंकवादियों को समर्थन देना बंद करे। उन्होंने यह भी कहा कि उसे कश्मीर के संबंध में दुष्प्रचार करना बंद करना चाहिए। हरिवंश के भारत का पक्ष रखने के बाद पाकिस्तानी प्रतिनिधि मंडल की ओर से फिर कुछ कहने की कोशिश की गई जिसकी मालदीव की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद नशीद ने अनुमति नहीं दी।

shukdev

Advertising