पाक मीडिया ने फोड़ा अपने देश का भंडा, उगला कड़वा सच

Tuesday, Apr 10, 2018 - 11:04 AM (IST)

 इस्लामाबादः आतंकवाद  के मुद्दे पर वैश्विक मंच पर किरकिरी करवा रहा अपने मुल्क में भी मीडिया के निशाने पर है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाक की छवि आतंकियों  की पनाहगाह के तौर पर बनी हुई है जिससे देश का एक तबका ही नहीं, वहां का मीडिया भी चिंतित है। इसी के चलते पाकिस्तानी मीडिया अपनी जिम्मेदारी समझते हुए  अब्बासी सरकार को नसीहत दे रहा है।

पाक के एक प्रमुख अखबार ने अपने संपादकीय में पाक का भंडाफोड़ करते हुए सरकार को चेताया है कि अगर कट्टरपंथ और आतंकी गतिविधियों में लिप्त संगठनों के खिलाफ सहानुभूति वाला दृष्टिकोण नहीं बदला तो पाकिस्तान आतंक के एक नए रूप को जन्म दे सकता है। देश में आतंक की एक नई फसल तैयार हो रही है। आशंका जताई गई है कि अगर ऐसा हुआ तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर सवाल खड़े करने का एक बड़ा मौका मिल जाएगा।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, 'कट्टरपंथ को लेकर गोलमोल या दोहरा रवैया कभी-कभी कट्टरपंथी संगठनों के प्रति एक तरह से सहानुभूति को दर्शाता है और इससे नए तरह का आतंक पैदा होने के लिए जमीन तैयार होती है। इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जैसे संगठनों को हमारी तरफ बड़ी आसानी से उंगली उठाने का मौका मिल सकता है। अब पाकिस्तान को इस पर अपना विकल्प चुनना है।' 

संपादकीय में इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया कि देश का नाम एक समस्या पैदा करनेवाले देश के तौर पर कई वैश्विक सूची में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आ रहा है। आगे कहा गया, 'लिस्ट में शामिल कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया लेकिन कई अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। उधर, आतंकी और आतंकी संगठन लगातार भर्तियां कर रहे हैं और भविष्य के आतंकियों की नई फसल तैयार हो रही है और यह एक समस्या बन सकती है। उनके नाम अभी किसी भी लिस्ट में नहीं है लेकिन भविष्य में वे आ सकते हैं। यह पाकिस्तान के लिए समस्या की जड़ है।' 

 संपादकीय में आगे कहा गया, 'ऐसी लिस्ट समय के साथ कम नहीं होती है जबतक कि सरकार की ओर आतंकवाद के खिलाफ सफल और निर्णायक कार्रवाई न की जाए।'  अखबार में आगे लिखा  है कि इन सूचियों के आधार पर कोई यह तर्क रख सकता है कि पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र बनने की दिशा में है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा हाल ही में जारी की गई 139 लोगों या आतंकियों या आतंकी संगठनों की लिस्ट पर संपादकीय में लिखा गया, 'इनमें से कुछ लोगों या संगठनों को लेकर हम असहमत हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर मामले स्पष्ट हैं और बढ़ रहे हैं।' 

Tanuja

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