मशहूर PAK शायर फ़हमीदा रियाज की बेटी ने मां को मिलने वाले राष्ट्रपति अवॉर्ड लेने से किया इंकार

Friday, Sep 04, 2020 - 03:37 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत को पाकिस्तान न बनने की हिदायत देने वाली मशहूर पाकिस्तानी शायर फ़हमीदा रियाज की बेटी वीरता अली उजन(Veerta Ali Ujan) ने अपनी मां को मिलने वाले पाकिस्तानी राष्ट्रपति अवॉर्ड को लेने से मना कर दिया है। शायर फ़हमीदा की बेटी वीरता ने बुधवार को फेसबुक में इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर यह कहते हुए अवॉर्ड लेने के न्यौते को खारिज कर दिया था कि यह न्याय और समानता के लिए मेरी मां रियाज के संघर्ष का अपमान होगा। वीरता अली उजन ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हमें मां के अवार्ड लेने के लिए समारोह में शामिल होने का न्यौता मिला है लेकिन मैं इस समय उनके किए हुए काम को लेकर अवार्ड कैसे ले सकती हूं। उन्होंने लिखा कि अवार्ड लेने का मतलब होगा कि कोम के लिए उनके न्याय और समानता के लिए उन्होंने जो संघर्ष किए उनका अपमान करना।

 

अपने बयान में इमरान खान सरकार की आलोचना करते हुए, उजन ने कहा कि ऐसे समय में पुरस्कार स्वीकार करना उचित नहीं होगा, जब "लेखकों और पत्रकारों का अपहरण, अत्याचार, यहां तक कि हत्या की जा रही हो। उत्पीड़कों को सम्मानित किया जा रहा है। कराची को सीवेज में सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। रियाज का जन्म 28 जुलाई, 1946 को यूपी के मेरठ में हुआ था। साहित्य में रुचि और उदारवादी सोच रखने के कारण रियाज को अपने ही देश में कई विरोधों का सामना करना पड़ा।

 

एक समय तो उनकी लेखनी और राजनीतिक विचारों के कारण उन पर 10 से ज्यादा केस चलाए गए। यही वो समय था जब पंजाब की मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कह कर उनके रहने की व्यवस्था भारत में करवाई थीं। इस दौरान फ़हमीदा करीब सात सालों तक भारत में रहीं. दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में रहकर हिंदी पढ़ना सीखा और फिर जब अपने देश पाकिस्तान वापस लौटीं तो बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांस्कृतिक मंत्रालय से जुड़ गईं. बाद में साल 2009 में वह उर्दू डिक्शनरी बोर्ड ऑफ कराची की एडिटर बनाई गईं। नवंबर साल 2018 में फ़हमीदा इस दुनिया से रुखस्त हुई थीं।

Seema Sharma

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