विवादों से भरी थी पाक संस्थापक की निजी लाईफ, चौंकाने वाले हैं नए खुलासे ! (pics)

Wednesday, Mar 08, 2017 - 11:56 AM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (1876-1948) भारत में हमेशा एक विवादित शख्सियत रहे हैं। बहुत सारे हिन्दुस्तानी भारत का विभाजन करवाकर पाकिस्तान बनवाने के लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि जिन्ना की निजी जिंदगी भी विवादों से अछूती नहीं थी। और इसकी वजह थी उनका 24 साल छोटी उम्र की पारसी लड़की रतनबाई पेतीत (1900-1929) से प्यार और फिर शादी। लेखिका शीला रेड्डी ने अपनी नई किताब “मिस्टर एंड मिसेज जिन्ना” में दोनों के संबंध के बारे में कई नए खुलासे किए हैं।

रतनबाई को उनके घरवाले रति कहते थे। जिन्ना उनसे पहली बार 1916 में दार्जिलिंग में मिले थे। उस समय जिन्ना की उम्र 40 और रति की 16 साल थी। जिन्ना रति के पिता और पारसी कारोबारी दिनशॉ पेतीत के दोस्त और मेहमान थे। जिन्ना को रति से प्यार हो गया। ये प्यार एक तरफा नहीं था। रति को भी जिन्ना भा गए थे। जिन्ना ने  रति के पिता से शादी की बात की लेकिन जैसी उम्मीद थी वो इस प्रस्ताव पर भड़क गए। दिनशॉ ने अदालत जाकर जिन्ना के नाबालिग रति से मिलने पर रोक लगवा दी। लेकिन दोनों का प्यार दिनशॉ के अनुमान से ज्यादा गहरा साबित हुआ। 

जिन्ना ने रति के बालिग होने तक इंतजार करना तय किया। 20 फरवरी 1918 को जब रति 18 साल की हुईं तो वो अपने पिता का घर छोड़कर जिन्ना के पास चली गईं। रति ने अपने पिता और पारसी समुदाय की मर्जी के खिलाफ जाकर जिन्ना से शादी करने का फैसला किया था। रति को जिन्ना से शादी के लिए इस्लाम कबूल करना पड़ा। 19 अप्रैल 1918 को दोनों ने मस्जिद में निकाह कर लिया। इस्लामी कानून के अनुसार निकाह की महर 1001 रुपए मुकर्रर हुई लेकिन जिन्ना ने प्यार के प्रतीक के तौर पर एक लाख 25 रुपए  महर दी थी। रति जिन्ना की दूसरी बीवी थीं। जिन्ना की पहली बीवी का देहांत पहले ही हो चुका था।

उनकी पहली शादी 1892 में तब हुई थी जब जिन्ना महज 16 साल के थे। शादी के कुछ ही महीनों बाद उनकी पहली बीवी एमीबाई जिन्ना का देहांत हो गया था। रति जिन्ना को प्यार से “जे” पुकारती थीं। उनके वैवाहिक जीवन के शुरुआती साल तो बहुत खुशगवार बीते लेकिन जल्द ही दोनों के रिश्तों में दरार आ गई। शादी के अगले ही साल 1919 में रति एक बच्ची (दीना) की माँ बन गई थीं। दूसरी तरफ जिन्ना राजनीतिक रूप से व्यस्त होते जा रहे थे। रति धीरे-धीरे अकेलेपन और अवसाद की शिकार होती जा रही थीं। आखिरकार 1929 में महज 29 साल की उम्र में अपने जन्मदिन 29 फरवरी को ही उनका देहांत हो गया। इस तरह एक खूबसूरत आगाज वाली इस प्रेम कहानी का त्रासद अंजाम हुआ।

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