पाक चुनावः इस गांव में वोट डालने पर पिटती हैं महिलाएं, 70 साल बाद बदलेगा इतिहास

Tuesday, Jul 17, 2018 - 04:05 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में लोकतंत्र में महिलाओं को वोट डालने का अधिकार तो मिला हुआ है, लेकिन इस देश में एक ऐसा गांव है, जहां आज भी महिलाएं वोट नहीं डालती। पाकिस्तान के  इस गांव की महिलाओं को आजादी तो 1947 में मिल गई थी, लेकिन मतदान का अधिकार पाने के लिए 70 साल से ज्यादा लंबा इंतजार करना पड़ा। मुलतान से करीब 60 किलोमीटर दूर मोहरीपुर गांव की महिलाएं आगामी 25 जुलाई को आम चुनावों में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन इतिहास बदलेगी। 

 मोहरी पुर गांव की महिलाओं को वोट डालने का अधिकार नहीं है क्योंकि गांव के पुरुष नहीं चाहते कि महिलाएं वोट डालने जाएं। पुरुषों ने 1947 से ही महिलाओं  पर वोट डालने को लेकर रोक लगा रखी है और महिलाएं भी पुरुषों के इस आदेश का पालन आज तक करती आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर कोई महिला वोट डालने जाती भी है तो उनके पति भरे बाजार में उनकी जमकर पिटाई करते हैं। गांव के मुखिया मलिक खादिम हुसैन का कहना है कि महिलाओं का वोट न देना गांव में एक तरह का रिवाज बन गया है।  
मोहरीपुर गांव में पुरुषवादी सोच के चलते 1947 से महिलाओं के वोट देने पर रोक लगा दी थी। पुरुषों का मानना था कि मतदान केंद्र तक जाने से महिलाओं का सम्मान कम होगा मगर इस बार यह अघोषित प्रतिबंध हटने जा रहा है। हालांकि महिलाओं के मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेने की मुख्य वजह एक और भी है। चुनावों के दौरान हिंसा होने की वजह से महिलाओं को घर से बाहर निकलने पर मनाही थी। हालांकि इस गांव की महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं और बाहर के काम में भी हाथ बंटाती हैं, लेकिन इस बरसों पुराने प्रतिबंध से अभी भी बंधी हुई थी।
 

महिला पार्षद तक मतदान से वंचित
मोहरीपुर की एकमात्र महिला पार्षद इरशद बीबी भले ही चुनाव जीती हों, लेकिन वह भी आज तक मतदान के अधिकार का उपयोग नहीं कर पाई हैं। उनके पति जफर इकबाल कहते हैं, ‘हमारे बुजुर्गों ने यह नियम बनाया था और हम आज भी इसका पालन कर रहे हैं।’ वर्ष 2015 में स्थानीय चुनाव में फौजिया तालिब नाम की एकमात्र महिला वोटर थी, लेकिन बाद में उन्हें बहिष्कृत कर दिया गया। 

 अब  चुनाव आयोग का चलेगा डंडा
चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं को शामिल करने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग ने भी कई कदम उठाए हैं। आयोग ने प्रत्येक सीट पर कम से कम 10 फीसदी महिला मतदान को अनिवार्य कर दिया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उस सीट का चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। वर्ष 2015 में भी स्थानीय चुनाव में महिलाओं को वोट देने से रोकने पर चुनाव को ही रद्द कर दिया था। इसी तरह 2013 के आम चुनावों में दो जिले के बुजुर्ग पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

पाक में 90 लाख से ज्यादा नई महिला वोटर
पाकिस्तान में 2 करोड़ नए वोटर इस बार चुनावी प्रक्रिया में भाग लेंगे, इनमें में 91.30 लाख महिला वोटर हैं। 2013 के आम चुनावों में पुरुष वोटर महिलाओं की तुलना में 1.1 करोड़ ज्यादा थे। 
 

Tanuja

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