पाक चुनावः सुन्नी कट्टरपंथियों से दहशत में अल्पसंख्यक समुदाय

Tuesday, Jul 24, 2018 - 10:29 AM (IST)

इस्लामाबादः कल पाकिस्तान की सूबह एक नया इतिहास रचेगी। काफी सालों के बाद पाक में चुनाव होने जा रहे है। देश का अल्पसंख्यक समुदाय भी हमेशा की तरह बेहतर प्रतिनिधित्व की उम्मीद लगाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि संसद में ऐसे लोग पहुंचे, जो उनके हकों की आवाज बुलंद कर सकें, लेकिन मुस्लिम बहुल देश में दक्षिणपंथी संगठनों की चुनाव में संख्या बढ़ने से अल्पसंख्यकों में असहजता की स्थिति है। पाकिस्तान के ईसाइयों, सिखों, अहमदिया और अन्य लोगों की देश में संघर्ष की स्थिति है। पाकिस्तान की 20 करोड़ आबादी में अल्पसंख्यक समुदायों की हिस्सेदारी महज 4 फीसदी है। 
 
पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी की बात करें तो 15 से 20 पर्सेंट संख्या शिया समुदाय की है। देश की जटिल चुनावी व्यवस्था में अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बेहद कम है। यह संबंधित पार्टी की चुनावों में स्थिति पर भी आधारित होता है। हालांकि देश की 342 संसदीय सीटों और 4 सूबों की विधानसभाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की संख्या निर्दलीय के तौर पर बढ़ रही है। 

बुधवार को होने वाले मतदान से पहले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की चिंता यह है कि कट्टर धार्मिक तबके के दलों और कट्टर समूहों के चुनाव में उतरने की तादाद बढ़ रही है। यहां तक कि सुन्नी समुदाय के ऐसे दलों की भी संख्या बढ़ी है, जो चुनाव में खुलेआम शिया समुदाय के लोगों को भी बाहर करने का नारा लगाते हैं। 

Isha

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