पाकिस्तान ने श्रीलंका में उच्चायुक्त की नियुक्ति की निरस्त

Thursday, Oct 10, 2019 - 04:29 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने श्रीलंका में अपने उच्चायुक्त की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है और इस तरह से सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को राजदूत के पदों पर बैठाने के लिए दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाने और आंतरिक राजनीतिक मतभेदों की बात सामने आ गई है। मीडिया में प्रकाशित एक खबर में यह कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने 30 सितंबर को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कई राजनयिक नियुक्तियां की हैं। इनमें सेवानिवृत्त मेजर जनरल साद खत्ताक को श्रीलंका में उच्चायुक्त बनाने की घोषणा की गई जो कोलंबो में सेवानिवृत्त मेजर जनरल शाहिद हशमत की जगह लेने वाले थे।

 

हशमत का दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। डॉन अखबार की खबर के अनुसार हालांकि रक्षा मंत्री परवेज खत्ताक ने जनरल खत्ताक की उच्चायुक्त के रूप में नियुक्ति के एक दिन बाद इस फैसले पर आपत्ति जताई। सरकार ने तब नियुक्ति रद्द करने का फैसला किया। विदेश कार्यालय के एक सूत्र के हवाले से पाकिस्तान के अखबार ने लिखा कि जब तक सरकार ने खत्ताक की नियुक्ति पर अपना विचार बदला तब तक श्रीलंका सरकार से उसकी मंजूरी के लिए अनुरोध किया जा चुका था। राजदूतों की नियुक्ति के लिए उस देश की सहमति जरूरी है जहां अधिकारी की नियुक्ति होनी है।

 

इसलिए बाद में जनरल खत्ताक की नियुक्ति की मंजूरी के लिए श्रीलंका से किये गये अनुरोध को वापस लेना पड़ा। राजनयिक के नाम की घोषणा के बाद उसे वापस लेना असामान्य माना जाता है। देशों की सरकारें बहुत कम ही ऐसा करती हैं। कई बार वो देश भी नामांकन को खारिज कर देते हैं जहां अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव है। इस वजह से अधिकारी की तैनाती वाले देश द्वारा सहमति नहीं दिये जाने तक इस बाबत नियुक्ति की घोषणा नहीं की जाती। पाकिस्तान भी इस परंपरा का पालन करता रहा है। बहरहाल, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार में यह परंपरा बदल गयी और अब सहमति मिलने से पहले नामांकन की घोषणा कर दी जाती है।

 

Tanuja

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