ओबामा ने बढ़ाया भारत का रुतबा,  पाक के कतरे पर

Sunday, Dec 25, 2016 - 03:31 PM (IST)

वाशिंगटनः अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना पद छोड़ने से पहले किए एक समझौते से जहां भारत का रुतबा बढ़ा दिया वहीं पाकिस्तान के पर कतर दिए हैं। साल 2017 के लिए 618 अरब डॉलर (करीब 42 हजार अरब रुपए) के रक्षा बजट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब यह कानून बन गया है। इसके साथ ही भारत औपचारिक रूप से अमरीका का बड़ा रक्षा साझेदार बन गया है। बजट में भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद के लिए कड़ी शर्तें रखी गई है।

अगले महीने व्हाृइट हाउस से विदा होने वाले ओबामा अभी परिवार के साथ हवाई में छुट्टियां मना रहे हैं। वहीं शुक्रवार को उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अधिकरण कानून (एन.डी.ए.ए.) 2017 पर दस्तखत किए। सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष जॉन मैक्केन ने बजट की खास बातों को जारी करते हुए कहा कि इससे अमरीका और भारत के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा। बजट में अमरीकी रक्षा और विदेश मंत्री से भारत की "प्रमुख रक्षा भागीदार" के रूप में पहचान के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।

दोनों देशों की एजैंसियों के बीच बेहतर समन्वय, रक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिग्रहण, तकनीक को मजबूत और सुनिश्चित करने के लिए अलग से शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। इससे दोनों देशों के बीच लंबित मसलों को हल करने, सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और साझा-उत्पादन के मौके बढ़ाने में मदद मिलेगी।  बजट में कहा गया है कि पाकिस्तान को तभी वित्तीय मदद मिलेगी जब वह हक्कानी नैटवर्क के खिलाफ कार्रवाई का सुबूत देगा। गठबंधन मदद कोष (सी.एस.एफ.) से पाकिस्तान को अमरीका से 90 करोड़ डॉलर (करीब 6100करोड़ रुपए) की मदद मिलनी है।

इनमें से 40 करोड़ डॉलर (करीब 2700 करोड़ रुपए) पाने के लिए उसे चार शर्तें पूरी करनी होगी। अमरीकी रक्षा मंत्री को कांग्रेस में यह प्रमाणित करना होगा कि पाक हक्कानी नैटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है।  इस साल की शुरुआत में अमरीकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने पाकिस्तान को यह प्रमाण-पत्र देने से इन्कार कर दिया था कि वह हक्कानी नैटवर्क के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। इस कारण पाकिस्तान को सीएसएफ से 30 करोड़ डॉलर की मदद नहीं मिल पाई थी। 2017 के बजट में इस्लामिक स्टेट (आइएस) से निपटने के लिए 120 करोड़ डॉलर (करीब 8200अरब रुपए) का प्रावधान किया गया है। सीरिया और इराक में अमरीका फिलहाल गठबंधन सहयोगियों के साथ इस आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
 

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