अब समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का है, चीन के साथ है हमारी प्रतिस्पर्धा: बाइडेन

Friday, Apr 30, 2021 - 02:15 AM (IST)

वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह समय अमेरिका की अर्थव्यवस्था को निचले और मध्य स्तर से ऊपर उठाने का है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 21वीं सदी में आगे निकलने के लिये अमेरिका की चीन और अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा है।

अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में बुधवार रात को दिए गए अपने पहले भाषण में राष्ट्रपति बाइडेन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का हवाला देते हुये कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवसथा इस साल छह प्रतिशत से भी अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह दर पिछले चार दशकों में देश की सबसे तेजी से बढ़ती रफ्तार होगी।’’

बाइडेन ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरे देशवासियों ऊपर से नीचे की तरफ धीरे धीरे लाभ पहुंचाने वाली अर्थव्यवस्था ने कभी काम नही किया और अब यह समय है जब अर्थव्यवस्था को निचले और मध्यम स्तर से ऊपर उठाना चाहिये।’’


उन्होंने कहा कि उनके सत्ता संभालने के पहले 100 दिन में उन्हें पहले से सदी की सबसे खतरनाक महामारी और दशक के सबसे खराब आर्थिक संकट से सामना हुआ और अब अमेरिका एक बार फिर से आगे बढ़ने लगा है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में उनके 100 दिन के कार्यकाल में 13 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका अब आगे बढ़ रहा है, हम अब रुक नहीं सकते हैं। 21सदी पर विजय पाने के लिए हम चीन और अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं।

बाइडेन ने इस अवसर पर देशवासियों से घरेलू अर्थर्व्यवस्था को समर्थन देने के लिए अमेरिकी उत्पादों को खरीदने की भी वकालत की। अमेरिकी अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा अमेरिकी लोगों का जीवन उन्हें गिरा सकता है लेकिन अमेरिका में लोग कभी नीचे रहते नहीं है, वह हमेशा खड़े होकर आगे बढ़ते हैं और आज यही अमेरिकी लोग कर रहे हैं। 

वर्तमान में अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते अब तक के सबसे निम्न स्तर पर चल रहे हैं। दुनिया की ये दोनों बड़ी अर्थव्यवसथाएं वर्तमान में विभिन्न मुद्दों को लेकर एक दूसरे से उलझी हुई हैं। इनमें व्यापार से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं। अमेरिका और चीन के बीच प्रौद्योगिकी और सुरक्षा को लेकर बढ़ते टकराव के बीच इस माह की शुरुआत में बाइडेन प्रशासन ने चीन की सात सुपरकंम्युटर शोध शालाओं और विनिर्माताओं को अमेरिकी निर्यात की काली सूची में डाल दिया।
 

Pardeep

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