उत्तर कोरिया ने दी अमरीका को चेतावनी, कहा- आंख दिखाने की कोशिश ना करे

Saturday, Sep 16, 2017 - 11:43 AM (IST)

सोल: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने आज अमरीका को चेतावनी देते हुए कहा कि सैन्य ताकत के लिहाज से वह लगभग अमरीका के बराबर पहुंच गया है और वह उत्तर कोरिया को आंख दिखाने की कोशिश ना करे।
साथ ही किम ने बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरा करने का संकल्प लिया। किम ने कहा कि देश व्यापक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद भी परमाणु हथियारों का निर्माण लगभग पूरा कर चुका है।उन्होंने सभी सरकारी एजेंसियों से कहा कि वह इस लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास करें और अमरीका पर जवाबी हमला करने के लिए एक एेसी परमाणु क्षमता का निर्माण करें जिससे वह कभी उबर न पाए।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने आज किम के हवाले से एक बयान में यह बात कही कि पूरे विश्व ने माना है कि संयुक्त राष्ट्र के तमाम प्रतिबंधों के बाद भी हमने ये सभी उपलब्धियां हासिल की हैं। यह बयान अमरीका और दक्षिण कोरियाई सेनाओं के प्योंगयांग से किए एक और मिसाइल प्रक्षेपण करने का पता लगाने के एक दिन बाद आया है। इस मिसाइल ने करीब 3,700 किलोमीटर की दूरी तय की और उत्तरी प्रशांत सागर में गिरने से पहले जापान के ऊपर से होकर गुजरी। अभी तक जिन बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया है, उनमें से इस मिसाइल ने जमीन के ऊपर से सर्वाधिक दूरी तय की थी। 
उत्तर कोरिया ने 29 अगस्त को मध्यम दूरी वाली ह्वासोंग-12 मिसाइल का परीक्षण करने की पुष्टि भी की थी, जो जापान के मुख्य द्वीपसमूहों के ऊपर से होकर गुजरी थी।  केसीएनए ने कहा कि किम प्रक्षेपण को लेकर बेहद संतुष्ट हैं और उन्होंने मिसाइल की युद्ध क्षमता एवं विश्वसनीयता तथा उसकी क्षमता बढ़ाने के प्रयासों की पुष्टि की है।  

रिपोर्ट के अंग्रेजी संस्करण में सीधे तौर पर यह बात नहीं कही गई, लेकिन कोरियाई संस्करण में कहा गया कि किम ने मिसाइल को पूरी तरह तैयार बताया और बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बाद भी अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरा करने का संकल्प लिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ताजा मिसाइल प्रक्षेपण के जरिए उत्तर कोरिया पर क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा भंग करने का आरोप लगाया और कहा कि उसके परमाणु एवं मिसाइल परीक्षण विश्वभर में गंभीर सुरक्षा चिंताओं का कारण है और संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्यों के लिए खतरा हैं।   
 

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