यहां स्कूलों में दी जा रही सजा-ए-मौत !

Thursday, Jul 20, 2017 - 11:39 AM (IST)

प्योंगपयांगः नॉर्थ कोरिया सरकार ने आम जनता के दिल में खौफ पैदा करने के लिए चोरी, वेश्यावृति, दक्षिण कोरिया से मीडिया कार्यक्रमों का आदान प्रदान करने और अन्य मामूली अपराधों के लिए दोषियों को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी जा रही है। एक गैर सरकारी संस्थान की ओर से आज जारी एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन स्थानों पर लोगों को सजा दी गई हैं उनमें नदियों के किनारे, स्कूलों के मैदान और व्यस्त बाजारों के चौराहे शामिल हैं। 

एक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के मामूली अपराधों के लिए सजा देने का यह तरीका लोगों के दिलों में डर पैदा करना है। सरकार का दावा है कि यह तरीका लोगों में चोरी की घटनाओं और अन्य प्रवृतियों को रोकने के लिए डर पैदा करेगा और क्राइम नहीं बढ़ सकेगा। इस संगठन "द ट्रांजिशनल जस्टिस वर्किंग ग्रुप" (टी जे डब्ल्यू जी) ने अपनी यह रिपोर्ट उत्तर कोरिया से भागे उन 375 कैदियों के इंटरव्यू पर तैयार की है। इन कैदियों ने बताया कि उन्हें मामूली से जुर्म के लिए भी जेलों में मरने के लिए ठूंस दिया गया था। 

हालांकि उत्तर कोरिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके नागारिकों को संविधान के तहत पूरी आजादी है और अमरीका विश्व में मानवाधिकारों का सबसे बड़ा अपराधी है। साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र के एक आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के कईं देशों ने उसके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मामला ले जाने का सुझाव दिया था कि इस तरह के अपराध मानवता को शर्मसार करने वाले है। आयोग ने कहा था कि बड़ी जेलों में कैदियों को अमानवीय यातनाएं दी जाती है,उन्हें भूखा रखा जाता है और उस तरह की वीभत्स यातनाएं दी जाती हैं जो जर्मनी में नाजी शिविरों में बंदियों को दी जाती थी।

संगठन का कहना है कि जेलों में कैदियों को भीषण यातनाएं दी जाती हैं ताकि दूसरे कैदियों के मन में डर पैदा हो सके और वे भागने की योजनाएं न बना सके। खेतों से धान और मक्का चुराने जैसे मामूली आरोपों में ही आरोपियों को पीट-पीटकर मार डाला जाता है। इनके अलावा सरकारी अधिकारियों को भ्रष्ट्राचार के आरोपों, जासूसी के मामलों और गोपनीय सूचनाओं को दूसरे देशों के साथ साझा करने जैसे अपराधों की सजा मौत है और ऐसे दोषी लोगों को गाेली मार दी जाती है।
 

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