उत्तर कोरिया को लेकर जर्मन खुफिया एजैंसी का खतरनाक खुलासा

Monday, Feb 05, 2018 - 10:07 AM (IST)

प्योंगयांग: जर्मनी की खुफिया एजैंसी ने उत्तर कोरिया को लेकर खतरनाक खुलासा किया है। खुफिया एजैंसी चीफ ने दावा किया है उत्तर कोरिया न्यूक्लियर वेपंस प्रोग्राम के लिए टेक्नोलॉजी और सामग्री अपने बर्लिन दूतावास से प्राप्त करता है। जर्मनी खुफिया एजेंसी के चीफ हंस जॉर्ज मास्सेन ने कहा कि बर्लिन दूतावास से कई गतिविधियों को नॉटिस किया गया है। जर्मनी के न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मास्सेन ने कहा, 'हमें लगता है कि वे मिसाइल प्रोग्राम ही नहीं, बल्कि न्यूक्लियर प्रोग्राम की भी मदद लेते थे।' यूएन प्रतिबंधों के बावजूद नॉर्थ कोरिया लगातार अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को जारी रखने की धमकी दे चुका है।

नागरिक व सैन्य उपयोग के लिए टेक्नोलॉजी ले रहा है नॉर्थ कोरिया हालांकि, वेपंस टेक्नोलॉजी की सटीक जानकारी को स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन खुफिया प्रमुख का मानना है कि नॉर्थ कोरिया ने नागरिक और सैन्य उपयोग के लिए टेक्नोलॉजी हासिल कर रहा है। मास्सेन ने कहा कि जब हमने बर्लिन दूतावास में इस प्रकार की गतिविधियों को देखा, तो हमने उन्हें रोका भी, लेकिन हम इसकी गारंटी नहीं लेते कि यह ऐसा अभी भी हो रहा है या नहीं। जर्मनी खुफिया एजेंसियों ने 2014 में भी कहा था कि नॉर्थ कोरियाई डिप्लोमेट केमिकल वेपंस तैयार करने की टेक्नोलॉजी हासिल कर चुके हैं।

पिछले साल नॉर्थ कोरिया ने 15 मिसाइलों का किया टेस्ट अमेरिका के साथ तेज हुई तनातनी के बाद नॉर्थ कोरिया अपने न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम को और ज्यादा मजबूत किया है। पिछले साल 2017 में कुल 15 मिसाइल टैस्ट कर दुनिया भर में हड़कंप मचा दिया था। इनमें एक सितंबर माह हाइड्रोजन बम का भी टेस्ट किया है, जिसके बाद नॉर्थ कोरिया ने कहा था कि इसकी ताकत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नाकासाकी पर गिराए न्यूक्लियर बम से भी ज्यादा शक्तिशाली है।

जर्मनी खुफिया एजैंसी ने नॉर्थ कोरिया के वेपंस प्रोग्राम टैक्नॉलोजी का खुलासा उस वक्त किया है, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रतिबंधों की जोरदार धज्जियां उड़ाते हुए प्योंगयांग ने साल 2017 में करीब 200 मिलियन डॉलर का कमा लिए। यूएन ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि नॉर्थ कोरिया ने सीरिया और म्यांमार को हथियार बेचकर अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस, चीन, मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों को अवैध रूप से कोयला बेचा गया।

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