अफगानिस्तान संकटः पहली सिख सांसद बोलीं- वतन की मुट्ठीभर मिट्टी भी लाने का वक्त नहीं मिला

punjabkesari.in Wednesday, Aug 25, 2021 - 06:24 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान की पहली गैर मुस्लिम महिला सांसद अनारकली कौर होनरयार ने कभी सोचा तक नहीं होगा कि उन्हें अपना वतन छोड़ना पड़ेगा। मगर तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद उन्हें उड़ान में सवार होने से पहले अपने वतन की याद के तौर पर मुट्ठीभर मिट्टी तक रखने का मौका नहीं मिला।

36 वर्षीय होनरयार पेशे से दंत चिकित्सक हैं और अफगानिस्तान के अत्यधिक पुरुषवादी समाज में महिलाओं के हितों की हिमायती रही हैं और उन्होंने कमजोर समुदायों के अधिकारों के लिए कई अभियानों की अगुवाई की है। उनका प्रगतिशील एवं लोकतांत्रिक अफगानिस्तान में जीने का सपना था। उन्होंने कहा, “ मेरा ख्वाब चकनाचूर हो गया है।”

होनरयार अब भी उम्मीद करती हैं कि अफगानिस्तान को एक ऐसी सरकार मिले जो पिछले 20 सालों में हासिल हुए लाभ की रक्षा करे। "शायद इसकी संभावना कम है लेकिन हमारे पास अब भी वक्त है।" अफगानिस्तान में शत्रुता की वजह से सिख सांसद के रिश्तेदारों को पहले भारत, यूरोप और कनाडा जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

तालिबान की वापसी के बाद अपने देश में बिगड़ते हालात के बीच होनरयार और उनका परिवार रविवार सुबह भारतीय वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान से भारत पहुंचा। वह हवाई अड्डे पर यह सोचकर भावुक हो गईं कि क्या वह कभी अपने वतन लौट पाएंगी ?

होनरयार ने नम आंखों से पीटीआई-भाषा से कहा, “मुझे याद के तौर पर अपने देश की एक मुट्ठी मिट्टी लेने का भी वक्त नहीं मिला। मैं विमान में चढ़ने से पहले हवाई अड्डे पर जमीन को सिर्फ छू सकी।” वह दिल्ली के एक होटल मे ठहरी हैं और उनकी बीमार मां वापस काबुल जाना चाहती हैं।


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Content Writer

Yaspal

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