यहां महिलाओं ने चलाया 'नो मैरिज वुमन' अभियान, देश पर मंडराने लगा आर्थिक संकट का खतरा

Saturday, Dec 07, 2019 - 12:31 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पूरी दुनिया में महिलाएं अपने अधिकारों और आजादी को लेकर जागरूक हो रही हैं और इसके लिए कड़े कदम भी उठा रही हैं। दक्षिण कोरिया और जापान में महिलाओं ने अपनी आजादी और अधिकार को लेकर अनोखा अभियान चलाया है । यहां महिलाओं के ऐसे कई समूह हैं जो शादी और मां बनने से परहेज कर रहे हैं। दोनों देश दुनिया के सबसे कम जन्म दर वाले देशों में शामिल हो गए हैं। इनमें जापान पहले और द. कोरिया आठवें पायदान पर आ गया है। कोरिया में तो महिलाएं बकायदा 'हैशटेग नो मैरिज वुमन' अभियान चला रही हैं। इसके जरिए महिलाओं को 4 चीजों से बचने की सलाह दी जा रही है। इसमें नो डेटिंग, नो सेक्स, नो मैरिज और नो चिल्ड्रन शामिल हैं।

 

शादी के लिए दिए जा रहे पैसे
महिलाओं के शादी न करने की वजह से यहां कई मैरिज हॉल बंद हो गए हैं। यहां सरकार इस संकट से इतनी चिंतित है कि युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहित कर रही है और पैसा दे रही है। द. कोरिया में हालत कितने बिगड़ गए हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक दशक पहले लगभग 47% महिलाएं मानती थी कि शादी जरूरी है। लेकिन पिछले साल यह आंकड़ा 22.4% तक गिर गया। यहां सरकार शादी करने और पिता बनने के लिए प्रोत्साहन योजना चला रही है। यहां के कई प्रांतों में तो सरकार महिलाओं से उनकी लंबाई, वजन, फोटो और बायोडाटा मांग रही है।

 

स्कूल हुए बंद
दक्षिण कोरिया में जनसंख्या का घटना श्रम शक्ति के लिए खतरा बन रहा है। सियोल में तो 20 फीसदी से ज्यादा मैरिज हॉल बंद हो गए हैं। सिओल के कई स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चों की कमी के कारण स्कूल तक बंद किए जा रहे हैं। सियोल की रहने वाली बोनी ली ने कहा- मैं अपनी खुशी खुद तय करूंगी। मैं एक सीधी-सादी महिला हूं, जिसे अब पुरुषों के साथ संबंध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसा करने वाली मैं अकेली महिला नहीं हूं। दक्षिण कोरिया में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो कठोर पितृसत्तात्मक मानदंडों को खारिज कर रही हैं।

 

महिलाओं से कहा जा रहा-बच्चे पैदा करो
जापान की आबादी तेजी से बुढ़ापे की तरफ बढ़ रही है। इसकी वजह से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर पड़ रहा है। कोरिया की ही तरह जापान के युवा भी शादी से इनकार कर रहे हैं। कम बच्चे और कम युवा आबादी देश के लिए संकट बनी हुई है। ये ही वजह है कि यहां महिलाओं को दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ताकि युवा जनसंख्या बढ़ा सकें। साथ ही देश की जन्म दर भी बढ़ सके।

Tanuja

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