नेपाल ने भारत के नए मानचित्र में कालापानी को दिखाने पर आपत्ति जताई

punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2019 - 09:02 PM (IST)

काठमांडू: नेपाल ने भारत की ओर से जारी देश के नए राजनीतिक मानचित्र में कालापानी को उसगइ सीमा में कथित तौर पर दिखाए जाने पर आपत्ति जताई है। नेपाल सरकार ने बुधवार को कहा कि देश के सुदूर पश्चिमी इलाके स्थित कालापानी नेपाल की सीमा में है। भारत ने शनिवार को नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था जिसमें नवगठित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को उनकी सीमाओं के साथ दिखाया गया है। 

मानचित्र में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान को लद्दाख के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है। नेपाल सरकार ने कहा कि कालापानी को भारत के नए मानचित्र में दिखाने की जानकारी उसे मीडिया में आई खबरों से मिली है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘नेपाल सरकार स्पष्ट है कि कालापानी का इलाका उसकी सीमा में आता है।' 

मंत्रालय के बयान के मुताबिक,‘ विदेश सचिव स्तर की संयुक्त बैठक में भारत और नेपाल की सीमा संबंधी मुद्दों को संबंधित विशेषज्ञों की मदद से सुलझाने की जिम्मेदारी दोनों देशों के विदेश सचिवों को दी गई है।' नेपाल ने कहा, ‘ दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित लंबित सभी मुद्दों को आपसी समझ से सुलझाने की जरूरत है और कोई भी एकतरफा कार्रवाई नेपाल सरकार को अस्वीकार्य है।' विदेश मंत्रालय ने कहा,‘ नेपाल सरकार अपनी अंतररष्ट्रीय सीमा की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है और दोनों मित्र देशों को कूटनीतिक माध्यम से ऐतिहासिक दस्तावेजों एवं सबूतों के आधार पर संबधित विवाद को सुलझाने की जरूरत है।' काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से इस मामले पर त्वरित टिप्पणी के लिए सम्पर्क नहीं हो पाया। 

उल्लेखनीय है कि स्थानीय मीडिया ने खबर दी कि कालापानी नेपाल के धारचुला जिले का हिस्सा है जबकि भारत के मानचित्र में इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा दिखाया गया है। विदेश मंत्रालय के अवर सचिव सुरेश अधिकारी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मंत्रालय सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। नेपाल सरकार के भूमि मापन विभाग के निदेशक कमल घिमिरे ने कहा कि भारत सरकार ने घरेलू इस्तेमाल के लिए मानचित्र प्रकाशित किए हैं और यह अंतरराष्ट्रीय सीमांकन के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा को रेखांकित करने के लिए बड़े पैमाने पर सीमांकन होना चाहिए। 


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shukdev

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