टूटेगी परंपरा , नेपाल में पहली बार महिला बनेंगी मुख्य न्यायाधीश

Monday, Mar 14, 2016 - 01:27 PM (IST)

काठमांडू:  नेपाल की न्यायिक परिषद (जेसी) ने उच्चतम न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश पद के लिए वरिष्ठ न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम की सिफारिश की है ।  राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलते ही कार्की देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगी । परिषद् ने अपनी बैठक में कल निर्णय लिया कि सुश्री कार्की के नाम को संवैधानिक परिषद को भेजा जाएगा । यह संवैधानिक परिषद् ही मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजता है और फिर राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद नियुक्ति होती है ।  

न्यायिक परिषद की सचिव कृष्णा गिरि ने कहा , मुख्य न्यायाधीश कल्याण श्रेष्ठा सेवानिवृत्त हो रहे हैं इसलिए परिषद ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सुप्रीम कोर्ट की जज सुश्री कार्की के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया है ।  मुख्य न्यायाधीश कल्याण श्रेष्ठ 13 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं । पारंपरिक रूप से सेवानिवृत होने से एक महीने पहले से मुख्य न्यायाधीश एक महीने के अवकाश पर चले जाते हैं ।  कार्की का नामांकन मील के पत्थर के रूप में माना जा रहा है  । पिछले वर्ष नेपाल में विद्या देवी भंडारी को राष्ट्रपति और ओंसारी घारती को संसद का अध्यक्ष के रूप में चुना गया था ।

कार्की को न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त न करने वाले के रूप में जाना जाता है ।  वर्ष 1952 में विराटनगर में जन्मी सुश्री कार्की नेपाल बार एसोसिएशन की सिफारिश पर एक अस्थाई न्यायाधीश के रूप में शीर्ष अदालत में शामिल हुई थी ।  उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, भारत से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की है । कार्की 18 नवंबर 2010 से स्थाई न्यायाधीश के रूप में सेवा दे रही हैं ।

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