चीनी नागरिकों की बढ़ती अवैध गतिविधियों से नेपाल चिंतित

Tuesday, May 10, 2022 - 03:49 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल में रह रहे चीनी नागरिक सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। इसके चलते नेपाल के आव्रजन विभाग ने चीनी नागरिकों की अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए पुलिस के साथ मिलकर जांच अभियान शुरू कर दिया है। नेपाल सरकार पिछले सात वर्षों में अवैध रूप से रह रहे 1,468 चीनी नागरिकों को निर्वासित कर चुकी है।  इसके बावजूद चीनी जालसाजों की गतिविधयां चरम पर हैं।यही नहीं अपनी चीनी जालसाज इस काम में नेपाल के नागरिकों को लालच देकर उनका भी सहयोग हासिल करते हैं।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते 22 अप्रैल को नेपाली अधिकारियों ने 22 संदिग्ध चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर उनसे 35 लैपटॉप, 675 मोबाइल फोन सेट और 760 नेपाली सिम कार्ड बरामद किए गए। इस मामले  की गहराई से जांच जारी है। इसके अलावा चीनी जालसाज ठगी के साथ ही कई अन्य प्रकार की अवैध गतिविधियों में भी लिप्त हैं। बीते कुछ सालों में इनकी गतिविधियां तेजी से बढी है। इनमें से कुछ मानव तस्करी, सोने की तस्करी और नकली मुद्रा व पासपोर्ट रखने के आरोप में भी गिरफ्तार किए गए हैं। दरअसल नेपाल के पास सीमा-पार ऑनलाइन लेनदेन की जांच करने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं है और चीनी नागरिक इसी का लाभ उठा रहे हैं।

 

 जानकारी के अनुसार नेपाल सरकार ने साल 2020 में 233 चीनी नागरिकों को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए देश से निर्वासित किया था। इनमें से 48 को तय अवधि से अधिक समय तक रहने के लिए जबकि 185 लोगों को विभिन्न अन्य अपराधों में शामिल होने के कारण निर्वासित किया गया था। बता दें कि बीते दिनों पुलिस के गिरफ्त में आए दो चीनी और 100 से अधिक नेपाली नागरिकों ने बातचीत में खुलासा किया था कि वे आनलाइन लोन का झांसा देकर भारत के नागरिकों को अपने जाल में फंसाते थे। इस बात की पुष्टि काठमांडू के पुलिस अधिकारियों ने भी की थी। इसके पहले भी पुलिस इस तरह के कई रैकेटों का खुलासा कर चुकी है।

Tanuja

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