नेपालियन के विवाह से लेकर कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है ‘नोट्रे-डेम’

Tuesday, Apr 16, 2019 - 04:28 PM (IST)

न्यूयॉर्क: फ्रांस के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट की ताजपोशी और उनके विवाह सहित कई युद्धों एवं क्रांतियों का गवाह बने नोट्रे-डेम गिरजाघर गॉाथिक कला की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति का नमूना माना जाता है। यही नहीं पाश्चात्य जगत की वास्तुकला के सर्वश्रेष्ठ रत्न के रूप में भी इसकी पहचान संसार भर में बनी हुई है। इस गिरजाघर की भित्तियां बोनापार्ट की 1804 में यहां हुई ताजपोशी और फिर 1810 में उनकी शादी का भव्य समारोह की गाथाएं सुनाती हैं। 


इतिहास के चंद लम्हों को खुद में समेटने वाली यह भव्य इमारत महज यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि युगों की प्रतिध्वनि इसमें देखी सुनी जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कई सदियों की कला संगम है। मध्ययुगीन कला की मर्मज्ञ एवं ‘मेट क्लोइस्टर्स’ में शिक्षक नैन्सी वू ने कहा कि इसके निर्माण में विभिन्न युगों का सौंदर्य आपस में घुला हुआ है। इनका मिश्रण बहुत ही अधिक माधुर्य से परिपूरित है। इस अनूठे गिरजाघर में सोमवार को हुये भयावह अग्निकांड से इस इमारत को अतुलनीय नुकसान पहुंचा है। इससे कला के जानकारों और इतिहासकारों को गहरा सदमा पहुंचा है। वाशिंगटन के कैथोलिक विश्वविद्यालय में वास्तुकला एवं योजना स्कूल में प्रोफेसर जूलियो बरमूडेज ने कहा कि कैथेड्रल के कई ऐसी चीजे हैं जो न केवल प्रसिद्ध हैं बल्कि धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। 


इसके ढांचे की सूक्ष्मता लोगों का ध्यान अपनी ओर तो खींचती ही है साथ ही दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर करने वाली रंगीन खिड़कियां और विशिष्ट ढंग से बाहरी दीवारों पर किसर गया बड़ा सूक्ष्म काम भी अपनी ओर बरबस ही खींच लेता है। इस आगजनी में कई अनुपम और दुर्लभ कलाकृतियों को नुकसान पहुंचा है और संभवतया इनमें से एक है ईसामसीह का कांटों का ताज। ईसाई धर्म के अनुयायी मानते हैं कि यह वही ताज है जिसे ईसा मसीह को सिर पर पहनाया गया था। उसे बेहद सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है।
 

vasudha

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