सू की ने रोहिंग्या मुसलमानों से हिंसा को लेकर दिया विवादित बयान

Wednesday, Sep 06, 2017 - 05:43 PM (IST)

बर्माः म्यांमार के राखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जातीय हिंसा की घटनाओं में तेजी आने के बीच म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू का एक विवादित बयान सामने आने से वे नि्शाने पर आ गई हैं।  सू की ने आतंकवादी संगठनों पर राखाइन प्रांत में फैली हिंसा के बारे में गलत तस्वीरों के जरिए झूठी खबरें चलाने का आरोप लगाया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान में 25 अगस्त से जारी रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जातीय हिंसा का जिक्र नहीं किया।

सू के बयान के अनुसार बड़े पैमाने पर भ्रामक खबरों के जरिए रोहिंग्याओं के प्रति सहानुभूति पैदा की जा रही है जो विभिन्न समुदायों के बीच बहुत सी समस्याएं खड़ी करने और आतंकवादियों के हित को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। आंग सान सूने ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से फोन पर बातचीत के दौरान यह बात कही। सु ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर गलत सूचनाओं पर विश्वास न  किया जाए. सू ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति म्यांमार के बर्ताव को बड़े पैमाने पर भ्रामक खबरों से असंतोष को भड़काया जा रहा है। आंग सान सूने ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से गलत जानकारी के आधार पर उनके उप प्रधानमंत्री के विरोध प्रदर्शन पर आपत्ति भी जताई है ।  

म्यांमार सरकार सक्रिय ने राखाइन प्रांत में 25 अगस्त से मूलवासियों पर हुए हमलों की जानकारी सार्वजनिक की है।बताया है कि आतंकी संगठन अराकान रोहिंग्या मुक्ति सेना (एआएसए) के कुल 97 हमलों में 36 लोग मारे गए जिनमें 13 सुरक्षा बलों के जवान हैं. हमलों से बचाने के लिए कुल 26,747 मूलवासियों को विस्थापित करके सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। स्टेट काउंसलर आंग सान सू पर इस मामले में चुप रहने को लेकर कई आरोप लगाए जा रहे हैं। मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाली नायिका की छवि होने की वजह से हाल के दिनों में  रोहिंग्याओं को निशाना बनाने वाली हिंसा के खिलाफ बोलने में विफल रहने को लेकर निशाना बनाया गया है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने अल्पसंख्यकों को लेकर बिगड़ रहे हालात से जुड़े खतरों से म्यांमार को आगाह किया है।

  

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