श्रीलंका की तरह डूब ही रहा  म्यांमार, हालात बेहद खराब

Wednesday, Jul 20, 2022 - 05:42 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः श्रीलंका की तरह एशिया के कई देशों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है। वहीं विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं बचे हैं। इनमें सबसे ऊपर म्यांमार देश का नाम है जो श्रीलंका की तरह डूब रहा है। श्रीलंका जहां राजनित और आर्थिक अव्यवस्था के चलते बर्बाद हुआ वहीं  म्यांमार हिंसा की वजह इसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।  श्रीलंका एक आर्थिक संकट से उत्पन्न राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है लेकिन जुंटा शासित म्यांमार हिंसा में वृद्धि और अर्थव्यवस्था की निरंतर मंदी के साथ  डूब रहा है।

 

दरअसल कोरोना महामारी के बाद ही म्यांमार आर्थिक संकट से जूझ रहा था और बाकी कसर फरवरी 2021 में हुए तख्तापलट ने पूरी कर दी। सैन्य शासन आने के बाद ही कई पश्चिमी देशों ने म्यांमार पर प्रतिबंध थोप दिए।  हालात कुछ ऐसे बिगड़े कि लाखों लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ा। विश्व बैंक ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था वाली लिस्ट से इसे बाहर कर दिया।  संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी और राजनैतिक संकट के बाद, पिछले दो साल के दौरान, स्कूलों में दाख़िल छात्रों की संख्या में, 80 प्रतिशत तक की कमी आई है और लगभग 78 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से बाहर हो गए हैं। वहीं 10 लाख से अधिक रोहिंग्या मुस्लिमों को पड़ोसी देश बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।

 

जब देश के स्वतंत्रता नायक और अपदस्थ नेता आंग सान सू की के पिता की हत्या की 75 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए म्यांमार भर में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, तो मुद्रा 2,400 प्रति डॉलर पर बिक रही थी। यह देश के केंद्रीय बैंक द्वारा 35 प्रतिशत विदेशी निवेश के साथ सभी कंपनियों को 18 जुलाई तक अपनी विदेशी मुद्रा होल्डिंग्स को स्थानीय मुद्रा क्यात में बदलने का आदेश देने के बावजूद है। ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नियम का उद्देश्य क्यात पर अधिक व्यवसायों को शामिल करने के दबाव को कम करना था। 1 फरवरी, 2021 को हुए तख्तापलट से एक दिन पहले, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले क्यात का मूल्य 1,340 था।

 

क्यात के मूल्य में गिरावट के साथ म्यांमार में खाद्य और ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है और विशेषज्ञ चिंतित हैं कि संकटग्रस्त राष्ट्र में संकट और गहरा सकता है। इस बीच, म्यांमार में हिंसा बढ़ रही है क्योंकि सैन्य शासन ने लोकतंत्र समर्थक आवाजों पर अपनी कार्रवाई जारी रखी है। सुरक्षा बलों के साथ टकराव से बचने के लिए मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों को कुछ ही समय में तितर-बितर कर दिया गया।

 

Tanuja

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