म्यामां ने रोहिंग्या वापसी विफल होने का ठीकरा बांग्लादेश पर फोड़ा

Friday, Aug 23, 2019 - 08:54 PM (IST)

यांगून: म्यामां ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजे जाने का दूसरा प्रयास विफल होने का ठीकरा शुक्रवार को बांग्लादेश पर फोड़ा। एक दिन पहले एक भी शरणार्थी संघर्ष प्रभावित राखाइन प्रांत में लौटने के लिए नहीं आया। म्यामां की सेना ने पश्चिम राखाइन प्रांत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर कड़ी कार्रवाई की थी जिससे सात लाख 40 हजार से अधिक रोहिंग्या मुसलमान पड़ोसी देश बांग्लादेश भागने के लिए विवश हो गए। यह क्षेत्र धार्मिक और जातीय तनाव से ग्रस्त है।

रोहिंग्या मलिन शिविरों या गांवों में रहने के लिए बाध्य हैं और उन्हें आवाजाही की आजादी नहीं है। दोनों देशों के बीच 2017 में समझौते पर हस्ताक्षर होने के बावजूद रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजे जाने का पहला प्रयास विफल रहा और कोई भी रोहिंग्या सुरक्षा एवं नागरिकता की गारंटी हासिल किए बगैर लौटने के लिए राजी नहीं है। 

वापसी के लिए गुरुवार को फिर से प्रयास होने थे और दोनों सरकारों ने करीब 3500 रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी का संकल्प जताया था लेकिन यह फिर विफल रहा जब उन्हें सीमा पार ले जाने के लिए तैयार बसों में सवार होने कोई नहीं आया। म्यामां के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को आरोप-प्रत्यारोप जारी रखा। सरकारी न्यू लाइट ऑफ म्यामां ने कहा,‘विस्थापित लोगों की सुचारू वापसी के लिए द्विपक्षीय समझौते का पालन करना जरूरी है।'

shukdev

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