ट्रंप की जीत में मोदी का हाथ !

Wednesday, Nov 09, 2016 - 02:40 PM (IST)

वॉशिंगटन:अमरीका में ट्रंप द्वारा दिया गया नारा अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा सच साबित हो गया और अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप आज डैमाेक्रेटिक उम्‍मीदवार हिलेरी के साथ कांटे की टक्कर में जीत गए।


ट्रंप के मोदी से रिश्ते
दरअसल ट्रंप ने अपने कैम्पेन में मोदी को महान शख्सियत और खुद को हिंदुओं का बिग फैन बताया है।ट्रंप ने अमरीका में जीतने के लिए भारत में मोदी की जीत की कहानी के पन्ने भी पलटे। भारत में अबकी बार मोदी सरकार का नारा सुपरहिट रहा और मोदी पी.एम बन गए। ट्रंप को भी लगा कि कुछ ऐसा ही करना होगा। ट्रंप ने अबकी बार मोदी सरकार में से मोदी हटाकर ट्रंप डाल दिया और पेश कर दिया अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा।कैम्पेन के दौरान ट्रंप ने मोदी को भारत का विकास करने वाला बताया। वहीं, भारत की 8% ग्रोथ की तारीफ की। 

 

भारत के प्रति ट्रंप की नीतियां
- ट्रंप ने ये बात की बार दोहराई है कि वह भारत के सबसे अच्छे दोस्त साबित होने का हर संभव प्रयास करेंगे।

- ट्रंप भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करेंगे। ट्रंप भारत में आउटसोर्सिंग के खिलाफ कदम उठाएंगे। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियों के लिए अहम मुद्दा है।

- इस्लामिक कट्टरपंथ और आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को रोकने में भारत का साथ देने का वादा।

- एचवन-बी वीजा सिस्टम में पूरी तरह बदलाव किया जाएगा। यह वीजा अमरीका में अस्थाई रूप से काम करने के लिए दिया जाता है। इसका ज्यादातरर इस्तेमाल भारत की प्रौद्योगिकी कंपनियां करती हैं।

 

ट्रंप के लिए पाकिस्तान सबसे खतरनाक देश
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप ने अपने कैम्पेन की शुरुआत में ही पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश बताकर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी।ट्रंप ने कहा था कि पाक ने 9/11 के बाद कई बार धोखा दिया है। राष्ट्रपति बनने पर हर गलती के लिए उसे सजा दूंगा।न्यूजवीक के मुताबिक,भारत में अपने बिजनेस को सिक्योर करने के लिए भी ट्रंप पाक के खिलाफ सख्त हो सकते हैं। 


चीन और रूस के साथ ट्रंप के रिश्ते 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के रूस के साथ अच्छे संबंध हैं और रूस भारत का भी दोस्त है।ऊधर ट्रंप ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ने की चेतावनी दी है।ट्रंप चीन के तेजी से बढ़ते व्यापार, सिक्युरिटी और प्रभाव को लेकर चिंता जता चुके हैं।इस लिहाज से ट्रंप चीन के खिलाफ भारत के नैचुरल फ्रेंड हो सकते हैं।ट्रंप चीनियों पर नौकरियां हथियाने का भी आरोप लगा चुके हैं।
 

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