अब मेकांग नदी को लेकर चीन से भिड़ने की तैयारी में अमेरिका

Wednesday, Aug 12, 2020 - 03:31 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका और चीन के बीच, कोरोना वायरस, ट्रेड और दक्षिण चीन सागर पर कब्जे को लेकर तनातनी चल रही है। लेकिन अब इन दोनों देशों के बीच मेकांग नदी पर बने बांध को लेकर जंग छिड़ सकती है। चीन की सरकार द्वारा जुलाई में जारी अध्ययन में दावा किया गया है कि अमेरिका समर्थिक एक जांच में पूर्वी एशिया के निचले देशों में पानी के कम बहाव और सूखे को लेकर चीनी बांध को दोष दिया गया है। अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका इस मुद्दे को लेकर अपने सहयोगी देशों के नाम पर चीन से भिड़ने की तैयारी कर रहा है। सिंघुआ विश्वविद्यालय और चीन के जल संसाधन संस्थान के साझा अध्ययन में तर्क दिया गया है कि इस बांध से न केवल बरसात के दिनों में पानी को स्टोर किया जा सकता है, बल्कि गर्मी के दिनों में निचले देशों को इससे पानी की आपूर्ति भी की जा सकती है।

 

चीन की मेकांग नदी युनान प्रांत से निकलकर म्यांमार, थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया और वियतनाम से होकर बहती है। लंबाई के हिसाब से मेकांग दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी नदी है। गौरतलब है कि मेकांग पर बने बांध से पानी की कमी को देखते हुए वियतनाम ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है जबकि, थाईलैंड ने वर्ष के अंत शुरू होने वाले राहत प्रयासों में अपनी सेना को शामिल कर लिया है। विश्लेषकों ने कहा है कि पानी के मुद्दे पर चीन का अपने पड़ोसी देशों से विवाद और गहरा सकता है।

 

वहीं, अमेरिका भी अपने सहयोगी देशों की तरफ से चीन के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है। जानकारी के अनुसार मेकांग नदीं पूर्वी एशिया में 60 मिलियन लोगों की जीवन रेखा है। कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम की मीडिया ने देश में सूखे को लेकर कई रिपोर्ट्स को जारी किया है। जिसमें सूखे के लिए चीन के बांध को दोषी बताया गया है। चीन अपने जलविद्युत परियोजना और सिंचाई के लिए मेकांग नदी के 47 अरब क्यूबिक मीटर पानी का उपयोग कर रहा है।

Tanuja

Advertising