मेकांग नदी बन सकती है चीन-अमेरिका के बीच जंग की वजह, कई देश ड्रेगन के खिलाफ

Tuesday, Aug 04, 2020 - 03:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कः चीन-अमेरिका के बीच अब मेकांग नदी पर बने बांध को लेकर तनाव पैदा हो सकता है। दरअसल जुलाई में जारी चीनी सरकार की एक स्टडी में दावा किया गया कि अमेरिका समर्थिक एक जांच में पूर्वी एशिया के निचले देशों में पानी के कम बहाव और सूखे को लेकर चीनी बांध को दोष दिया गया है। वहीं स्टडी में यह दावा किया गया कि अमेरिका इस मुद्दे को लेकर अपने सहयोगी देशों के नाम पर चीन से उलझने की तैयारी कर रहा है।

 

सिंघुआ विश्वविद्यालय और चीन के जल संसाधन संस्थान के साथ शेयर की गई स्टडी में दावा किया गया कि इस बांध से न केवल बरसात के दिनों में पानी को स्टोर किया जा सकता है, बल्कि गर्मी के दिनों में निचले देशों को इससे पानी की आपूर्ति भी की जा सकती है। चीन की मेकांग नदी युनान प्रांत से निकलकर म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम से होकर बहती है। बता दें कि लंबाई के हिसाब से मेकांग नदी दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी नदी है।

 

पड़ोसी देशों से विवाद बढ़ा सकता है चीन
विश्लेषकों ने कहा कि पानी के मुद्दे पर चीन का अपने पड़ोसी देशों से विवाद बढ़ा सकता है। वहीं मेकांग पर बने बांध से पानी की कमी को देखते हुए वियतनाम ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। दूसरी तरफ थाईलैंड ने साल के आखिरी महीने में राहत प्रयासों में अपनी सेना को शामिल कर लिया है। वहीं अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर चीन के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है। मेकांग नदी पूर्वी एशिया में 60 मिलियन लोगों की जीवन रेखा है। कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम की मीडिया ने देश में सूखे को लेकर कई रिपोर्ट्स को जारी किया है। जिसमें सूखे के लिए चीन के बांध को दोषी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन अपने जलविद्युत परियोजना और सिंचाई के लिए मेकांग नदी के 47 अरब क्यूबिक मीटर पानी का उपयोग कर रहा है। वहीं सूखे पर चीन ने कहा कि ऐसा हाई टेम्परेचर और घटती बारिश के कारण हो रहा है।

Seema Sharma

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