जरूरी दवाओं के लिए भी तरसा पाकिस्तान, भारी किल्लत से हालात गंभीर

Thursday, Jul 21, 2022 - 06:24 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में दवाइयों की भारी किल्लत के चलते स्थिति बेहद खराब हो रही है। दरअसल दवा उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। आलम यह है कि आत्महत्या रोधी दवाओं समेत कई आवश्यक दवाओं की पाकिस्तान के बाजारों में कमी पैदा हो गई है। आत्महत्या रोधी दवा की किल्लत पैदा होने के बाद देश में आत्महत्या की दर बढ़ने की आशंकाएं तेज हो गई हैं। 

 

पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (पीपीएमए) के अध्यक्ष काजी मंसूर दिलावर ने माना कि कई दवाएं स्थानीय बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने बताया कि दवाओं की उत्पादन लागत हद से ज्यादा बढ़ गई है जिससे निर्माताओं के लिए दवाओं का उत्पादन करना मुश्किल हो गया है। खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट के बाद दवाओं की उत्पादन लागत में बड़ा इजाफा हुआ है। यहां कच्चे माल की लागत लगातर बढ़ रही है, जिसने दवा कंपनियों के लिए कई आवश्यक दवाओं का निर्माण करना असंभव बना दिया है।

 

पाकिस्तान के मशहूर मनोचिकित्सक और साइकियाट्रिक सोसाइटी (पीपीएस) के पूर्व अध्यक्ष ने इलाज के लिए सबसे प्रभावी दवा के रूप में पहचान रखने वाले फार्मूले का जिक्र करते हुए कहा, पिछले कुछ महीनों से लिथियम कार्बोनेट बेचने वाला कोई भी ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं है। यह फार्मूला मानसिक रोगों समेत बाइपोलर डिसआर्डर का इलाज करने में सक्षम है। इसी तरह, बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (एडीएचडी) के इलाज के लिए मिथाइलफेनिडेट। वहीं बच्चों और वयस्कों में मिर्गी के लिए क्लोनाजेपम ड्राप्स और टैबलेट सहित कुछ अन्य आवश्यक दवाएं भी बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। 

 

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (PIMS), शिफा इंटरनेशनल हास्पिटल, इस्लामाबाद और मेयो हास्पिटल लाहौर के मनोचिकित्सकों के साथ पेशावर के मनोचिकित्सकों ने भी पुष्टि की है कि बाइपोलर डिसआर्डर से पीड़ित रोगियों के रिश्तेदार लिथियम कार्बोनेट के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इकबाल अफरीदी ने कहा कि, इस दवा के कुछ विकल्प हैं लेकिन वे लिथियम कार्बोनेट के जैसे प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों और ड्रग रेगुलेटरी अथारिटी आफ पाकिस्तान (डीआरएपी) से इस दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। क्योंकि सैकड़ों मरीज इस दवा की कमी के कारण पीड़ित है।
 

Tanuja

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