ग्रीनलैंड के पास पहुंचा आइसबर्ग, डर से गांव छोड़कर चले गए लोग

Sunday, Jul 15, 2018 - 05:17 PM (IST)

न्यूयॉर्कः कनाडा के पास अटलांटिक और आर्कटिक महासागर के बीच में स्थित  ग्रीनलैंड के पास एक आइसबर्ग आ गया । इसके डर से 33 लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं। लोगों का मानना है कि आइसबर्ग के बड़े-बड़े टुकड़े समुद्र में टूटकर गिरेंगे जो लहरों के साथ उनके घरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक जलवायु शोधकर्ता जोर्ग शेफर का कहना है कि बड़े आइसबर्ग आसानी से पिघकर समुद्र में नहीं समाते। ये काफी उथल-पुथल मचाते हैं। गांव के एक पुलिस इंस्पेक्टर गीडियन क्विस्ट का कहना है कि लोगों की नावें खो चुकी हैं। वे मछली मारने या शिकार के लिए नहीं जा पा रहे।

मुसीबत टलने की उम्मीद : सैटेलाइट के आकलन के मुताबिक, आइसबर्ग 700 फीट चौड़ा और 300 फीट ऊंचा है। इसका वजन करीब 11 करोड़ क्विंटल है। इंस्पेक्टर क्विस्ट का कहना है कि गांव के किनारे तक आइसबर्ग आना सामान्य बात है, लेकिन इतना बड़ा आइसबर्ग हमने पहले कभी नहीं देखा। इसमें दरारें और छेद हैं। मौसम विभाग ने भी इलाके में एक-दो दिन में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे इस आइसबर्ग के टूटने की आशंका बढ़ गई है।

हालांकि, अफसरों को उम्मीद है कि हवाएं और समुद्र में आने वाला ज्वार आइसबर्ग को गांव से दूर ले जाएगा।  शेफर का कहना है कि ग्रीनलैंड की बर्फ में कमी हो रही है। इसके चलते आने वाले सालों में बड़ी संख्या में आइसबर्ग के समुद्र में आने की संभावना है। पिछले साल ग्रीनलैंड के पश्चिमी तट पर गांव में सुनामी आ गई थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। सुनामी आने की वजह से पास के पहाड़ से टूटकर बर्फ का बड़ा हिस्सा समुद्र में गिर गया था।


क्या होता है आइसबर्ग
ग्लेशियर से टूटकर समुद्र में बहने वाले बर्फ के टुकड़ों को आइसबर्ग कहा जाता है। 10 लाख क्विंटल के आइसबर्ग में 74 अरब लीटर पानी होता है। ध्रुवों पर पाई जाने वाली बर्फ मीठे पानी का सबसे बड़ा स्रोत हैं। एक आइसबर्ग से 10 लाख लोगों की 5 साल तक प्यास बुझाई जा सकती है। यही वजह है कि पानी की कमी से जूझ रहे यूएई और दक्षिण अफ्रीका ग्लेशियर से अलग हुए आइसबर्ग को जहाज की मदद से खींचकर लाने की योजना बना रहे हैं। आइसबर्ग से ही टकराकर टाइटेनिक जहाज डूबा था। इस घटना के बाद ही नौ-परिवहन के रास्ते की निगरानी की व्यवस्था शुरू की गई।
 

Tanuja

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