FB को एक और झटका, मेमो में हुआ खुलासा आतंकियों की मदद कर रहा फेसबुक

Saturday, Mar 31, 2018 - 12:43 PM (IST)

इंटरनैशन डेस्कः फेसबुक डाटा लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। डाटा लीक होने की बात खुद फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी मान चुके हैं। हालांकि कंपनी ने उपभोक्ताओं के डाटा को सुरक्षित करने के लिए अभी तक कई कदम उठाए हैं और आगे भी कड़े कदम उठा सकती है। इस बीच फेसबुक को एक और बड़ा झटका लगा है।

फेसबुक के उपाध्यक्ष और मार्क जुकरबर्ग के करीबी एंड्रू बोसवर्थ का एक लीक मेमो नए विवाद का कारण बन गया है। ‘द अग्ली’ नाम से 2016 में लिखे गए इस मेमो में बोसवर्थ ने कहा है कि फेसबुक से लोगों की मौतें हो सकती हैं। यहां तक कि किसी आतंकी हमले की साजिश में फेसबुक मददगार साबित हो सकता है, लेकिन लोगों को जोड़ने के मिशन में ये एक छोटी बात है। मेमो के सामने आने के बाद कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर सफाई दी है। जकरबर्ग ने लिखा कि बोसवर्थ एक प्रतिभाशाली शख्स हैं, लेकिन वे बहुत कुछ भड़काने वाला बोलते हैं। उनके मेमो से फेसबुक के कई लोग असहमत हैं। मैं भी बोसवर्थ के मेमो से सहमत नहीं हूं।

फेसबुक डाटा के गलत इस्तेमाल का खतरा अभी भी बरकरार
डाटा चोरी मामले में घिरी ब्रिटेन की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने हाल में दावा किया था कि उसने अपने पास उपलब्ध फेसबुक के पांच करोड़ यूजर्स का डाटा डिलीट कर दिया है। लेकिन मीडिया में आई एक रिपोर्ट ने इस दावे को खंडन किया है। इसलिए फेसबुक डाटा के गलत इस्तेमाल का खतरा अभी भी बरकरार है।

ब्रिटेन के चैनल फोर न्यूज के अनुसार, अभी भी अमरीका के कोलराडो प्रांत के तकरीबन एक लाख 36 हजार लोगों का व्यक्तिगत डाटा कंपनी के पास मौजूद है। इसमें व्यक्ति से जुड़ी बारीक से बारीक जानकारी सहित व्यक्ति का व्यक्तित्व और मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तक शामिल है। इस डाटा का इस्तेमाल कैंब्रिज एनालिटिका 2014 से कर रही है।

Isha

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