रूस में संविधान संशोधन पर 7 दिवसीय वोटिंग शुरू, पुतिन को 2036 तक मिल सकती है सत्ता

Thursday, Jun 25, 2020 - 01:29 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः रूस में संविधान में प्रस्तावित संशोधन पर आज 7 दिवसीय राष्ट्रव्यापी वोटिंग शुरू हो गई। यह वोटिंग 25 जून से 1 जुलाई तक होगी। अगर वोटिंग के जरिए संशोधन को बहुमत हासिल हो जाता है और यह बिल पारित होता है तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दो और कार्यकाल के लिए पद पर रहने की मंजूरी मिल जाएगी, और वह 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। पहले यह मतदान 22 मई को होना था लेकिन, राष्ट्रपति पुतिन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया था। बता दें कि पुतिन का उनका मौजूदा कार्यकाल 2024 तक है.अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए 7 दिवसीय मेराथन वोटिंग शुरू हो गई।

माना जा रहा है कि लंबे समय से सत्तासीन पुतिन (67) के दबदबे का असर है कि कोरोनोवायरस महामारी, वोटिंग धोखाधड़ी, आलोचनाओं और विपक्षी हलकों में चिंताओं के बावजूद यहां संविधान में प्रस्तावित संशोधन पर वोटिंग हो रही है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि सुधारों को पुतिन को 2036 तक सत्ता में बनाए रखने और संवैधानिक तख्तापलट करने के लिए तैयार किया गया है। क्रेमलिन का कहना है कि उन्हें संसद की भूमिका को मजबूत करने और सामाजिक नीति व सार्वजनिक प्रशासन में सुधार करने की जरूरत है।

बता दें कि एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा था कि- 'मैं इस बात से इनकार नहीं करता कि अगर संविधान में बदलाव होता है तो मैं पद पर बना रहूंगा। वैसे मैंने अभी तक अपने लिए या उत्तराधिकारी के बारे में कुछ भी तय नहीं किया है'। इस बीच वोटिंग अधिकारियों ने कहा कि मतदान के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानी बरती जाएगी। अगर उम्मीद के मुताबिक, संवैधानिक बदलावों को मंजूरी मिल जाती है, तो पुतिन 2024 में अपने मौजूदा समय के समाप्त होने के बाद दो और बैक-टू-बैक 6 साल यानि 2036 के लिए चल पाएंगे। पूर्व केजीबी ऑपरेटिव 1999 से राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री के रूप में सत्ता में है, और फिर से चलने से इनकार नहीं किया है, लेकिन कहते हैं कि उसने अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

आलोचकों का मानना ​​है कि वह सत्ता में बुजुर्ग सोवियत नेता लियोनिद ब्रेझनेव की तरह ही रहना चाहते हैं, जिनकी मृत्यु ऑफिस में हुई थी। दूसरों का मानना ​​है कि वह अपने विकल्पों को खुला रख रहे हैं, ताकि 2024 से पहले अज्ञात उत्तराधिकारी को बागडोर सौंप सकें। कार्नेगी के मॉस्को सेंटर थिंक टैंक के एक वरिष्ठ साथी आंद्रेई कोल्सनिकोव ने कहा, “चूंकि राष्ट्रपति को उत्तराधिकारी नहीं मिला, इसलिए उन्होंने खुद को नियुक्त किया।”

Tanuja

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