लंदन में फिलिस्तीन झंडा फहराते बिग बेन पर चढ़ा शख्स; आजादी के लगाए नारे, वीडियो वायरल
punjabkesari.in Sunday, Mar 09, 2025 - 02:13 PM (IST)

London: इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाले शहर लंदन के पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर में शनिवार को एक व्यक्ति फिलस्तीनी ध्वज के साथ बिग बेन टॉवर पर चढ़ गया, जिसके कारण आपातकालीन सेवाओं को बुलाना पड़ा। पुलिस ने यह जानकारी दी। तस्वीरों में नंगे पांव खड़े इस व्यक्ति को एलिजाबेथ टॉवर से कई मीटर ऊपर एक किनारे पर खड़ा देखा जा सकता है। वेस्टमिंस्टर ब्रिज और एक नजदीकी पुल को बंद कर दिया गया था और कई आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियां घटनास्थल पर मौजूद थीं। मेट्रोपोलिटन पुलिस ने बताया कि उनके अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हुए थे इसके साथ ही अग्निशमन कर्मी और एम्बुलेंस सेवाएं भी मौके पर मौजूद थीं।
Crowds cheered on a man in London on Saturday after he climbed the tower where Big Ben is housed holding a Palestinian flag. Authorities attempted to talk him down, but so far, he’s still there. pic.twitter.com/XRhGxhW7A6
— CBS Evening News (@CBSEveningNews) March 9, 2025
इस घटना के कारण अधिकारियों ने शनिवार को संसद भवन के दौरे रद्द कर दिए। 8 मार्च 2025 को एक अनोखी और ध्यान आकर्षित करने वाली घटना में व्यक्ति बिग बेन पर चढ़कर "फ्री फिलिस्तीन" के नारे लगाने लगा और फिलिस्तीनी झंडा लहराया। इस घटना ने न केवल लंदन बल्कि दुनिया भर में फिलिस्तीन की आज़ादी की आवाज़ को और जोरदार बना दिया। सुबह करीब 7:24 बजे मेट्रोपोलिटन पुलिस को सूचना मिली कि एक शख्स बिना जूते पहने, एलिजाबेथ टॉवर (बिग बेन) पर चढ़ रहा है और फिलिस्तीनी स्वतंत्रता की मांग कर रहा है।
पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लंदन फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस सेवाओं की मदद ली। चेर्री पिकर मशीन के माध्यम से व्यक्ति को सुरक्षित रूप से नीचे लाया गया। हालांकि वह टॉवर के शिखर तक नहीं पहुंच सका, फिर भी इस घटनाक्रम ने फिलिस्तीनी संघर्ष के समर्थन में एक जोरदार आवाज़ उठाई। इस घटना के वायरल वीडियो में व्यक्ति को "फ्री फिलिस्तीन" का नारा लगाते हुए देखा जा सकता है, जिसने दुनियाभर में इस मुद्दे पर चर्चा को और बढ़ा दिया। दिलचस्प बात यह है कि कुछ फिलिस्तीनी समूह मानते हैं कि बिग बेन कभी हेब्रोन गेट पर स्थित एक घड़ी का हिस्सा था, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान लंदन भेजा गया था, हालांकि यह विचार व्यापक रूप से नहीं माना जाता।