प्रत्यर्पण केसः ब्रिटेन की अदालत में माल्या को झटका

Friday, Apr 27, 2018 - 07:10 PM (IST)

लंदनः ब्रिटेन की एक अदालत ने विवादित शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण से जुड़े मुकद्दमें में भारतीय अधिकारियों की ओर से सौंपे गए बहुत सारे साक्ष्यों को आज स्वीकार कर लिया। 

11 जुलाई को अगली सुनवाई 
माल्या करीब 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भारत में वांछित हैं। पिछले साल अप्रैल में स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से प्रत्यर्पण वॉरंट पर अपनी गिरफ्तारी के बाद से वह 650,000 पाउंड की जमानत पर हैं। माल्या ने स्थानीय वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा, 'अदालत में एक और दिन।' विजय माल्या के केस की अगली सुनवाई 11 जूलाई को होगी।


भारतीय बैंकों ने तोड़े नियम
वेस्टमिंस्टर अदालत की मुख्य मैजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट भारत सरकार की ओर से दलीलें पेश कर रही क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) से मांगी गई कुछ अतिरिक्त सामग्री पर विचार करने वाली हैं। उन्होंने इस मामले में फैसले की समयसीमा भी तय कर दी है। फैसला अगले महीने आने की संभावना है। बीते 16 मार्च को मामले की आखिरी सुनवाई में जज ने कहा था कि यह पूरी तरह साफ है कि माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले भारतीय बैंकों की ओर से नियम तोड़े गए थे। इससे पहले जज ने इस बात की भी पुष्टि की थी कि भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य का बड़ा हिस्सा स्वीकार्य होगा। यह सी.बी.आई. के लिए काफी राहत देने वाली बात है। 

उन्होंने कहा, 'इस बात के साफ संकेत हैं कि बैंक (कुछ कर्ज मंजूर करने के मामले में) अपने ही दिशानिर्देशों के खिलाफ गए।' जज ने बैंक अधिकारियों को 'आमंत्रित' किया कि वे इस मामले में शामिल कुछ बैंक अधिकारियों के खिलाफ केस को स्पष्ट करें क्योंकि वह माल्या के खिलाफ 'साजिश' के आरोपों से जुड़े हैं। आज की सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब प्रत्यर्पण पर वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट की अदालत के एक पिछले फैसले के खिलाफ भारत सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में की गई अपील नकार दी गई थी। 

Isha

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