मलेशिया में महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ की बगावत, सिंगापुर में पहनने के लिए जंग

Thursday, Sep 24, 2020 - 10:38 AM (IST)

 

सिंगापुर: मलेशिया में जहां महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ बगावत कर दी है वहीं सिंगापुर में इस पहने रखने को लेकर जंग छिड़ गई है। मलेशिया 60 फीसदी आबादी के साथ मुस्लिम आबादी प्रधान देश है और करीब-करीब हर महिला हिजाब, नकाब या बुर्का पहनती है। यहां एक महिला ने ये कहते हुए हिजाब छोड़ दिया है कि हिजाब धर्म से ज्यादा स्थानीय सामाजिक व्यवस्था है और पुरुषवादी सत्ता का प्रतीक है। मलेशिया में कानूनी तौर पर हिजाब या स्कार्फ पहननी जरूरी नहीं है लेकिन सामाजिक तौर पर महिलाएं अपना सर ढंककर ही रखती हैं।

 

मलेशिया में धार्मिक कट्टरता बढ़ी
मरयम ली की बगावत के बाद बहुत सारी महिलाएं उनकी राह पर चल चुकी हैं. लांकि अब मरयम के ऊपर कानूनी मामला चल रहा है। अदालत ये देखेगी कि कहीं ये इस्लाम का अपमान तो नहीं।  मलेशिया में अधिकतर महिलाएं तुडुंग पहनती हैं, जो स्कार्फ का आधुनिक रूप है। इसमें सर और गला ढंकना जरूरी नहीं होता। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ समय से मलेशिया में भी धार्मिक कट्टरता बढ़ी है, जबकि पहले धार्मिक कट्टरता कम थी। पहले की तुलना में अब कहीं ज्यादा महिलाएं तुडुंग या स्कार्फ पहनती हैं।

 

क्या है मरयम ली की कहानी ?
मरयम ली 9 साल की उम्र से हेड स्कार्फ पहनती थी। इसे पहनने तो उनके घर वाले धार्मिक वजह बताते थे लेकिन जब वो 20 साल की हुई तो उन्हें पता चला कि इसे पहनने की वजह धार्मिक से ज्यादा सामाजिक और पुरुष वादी सत्ता है। यह समझने के बाद उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई। मरयम कहती हैं कि मैं बिना स्कार्फ या हिजाब के भी उतनी ही मुसलमान हूं, जितनी पहले थी। हालांकि अब मरयम को धमकियां मिल रही हैं और उनपर केस भी चल रहा है।

 

सिंगापुर में मामला उलट
सिंगापुर में सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनने या न पहनने को लेकर स्वतंत्र हैं। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों में या कार्यालयों में हिजाब पहनकर आने पर बैन लगा दिया है। इसका ये कहते हुए विरोध हो रहा है कि सिंगापुर में धार्मिक आजादी को दबाया जा रहा है और घर्म अथवा पहनावे के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसके लिए फरह नाम की महिला ने ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया है, जिसके समर्थन में अबतक 50,000 लोग सामने आ चुकी हैं। सिंगापुर की कुल आबादी 4 मिलियन यानि 40 लाख है, जिसमें से 15 फीसदी यानि 6 लाख मुस्लिम हैं।

Tanuja

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