तलिबान हमले के बाद पहली बार घर आई मलाला, प्रधानमंत्री अब्बासी से मिली

Thursday, Mar 29, 2018 - 02:46 PM (IST)

इस्लामाबादः सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली मलाला युसूफजई का तालिबान हमले के छह साल बाद आज घर वापसी पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पीएमएल- एन ने ट्वीट किया है, पाकिस्तान पहुंचने के कुछ ही घंटों के भीतर मलाला ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और कुछ अन्य अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने आज ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान गुल मकाई का उसके घर में स्वागत करता है। हमें आप पर गर्व है।प्त मलालाघरवापसलौटी।’’ कड़ी सुरक्षा के बीच 20 वर्षीय मलाला अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से बाहर निकलीं।

मलाला ने पाकिस्तान सलवार-कमीज और दुपट्टा पहने हुए थी। वह बेहद खुश नजर आ रही थी। सुरक्षा कारणों से मलाला की पाकिस्तान यात्रा और उनके चार दिन के सभी कार्यक्रमों को गोपनीय रखा गया था। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मलाला के चार दिन तक पाकिस्तान में रुकने की संभावना है। इस दौरान वह प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मिलेंगी। मलाला फंड के सीईओ भी उसके साथ थे। संभावना है कि पाकिस्तान में भी‘‘ मीट द मलाला’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। अभी तक इस संबंध में कोई सूचना नहीं है कि वह अपने पैतृक स्थल स्वात घाटी जाएंगी या नहीं।


मलाला पर हमला
9 अक्तूबर, 2012 को स्वात घाटी में तालिबान के बंदूकधारियों ने मलाला की स्कूल बस रोकी और उसमें घुस कर सवाल किया ‘‘मलाला कौन है?’’ जबाव मिलने पर उन्होंने उसे गोली मार दी। इस घटना ने लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला को दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रतीक बना दिया। घटना के बाद मलाला ब्रिटेन चली गई जहां उनका इलाज र्बिमंघम में हुआ और उसने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं पूरी की। मलाला 2014 में सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली व्यक्ति बनीं। वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी कर रही।

मलाला को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
जब वह स्वस्थ हुई तो अंतरराष्‍ट्रीय बाल शांति पुरस्कार, पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार (2011) के अलावा कई बड़े सम्मान मलाला के नाम दर्ज होने लगे। 2012 में सबसे अधिक प्रचलित शख्सियतों में पाकिस्तान की इस बहादुर बाला मलाला युसूफजई के नाम रहा। लड़कियों की शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाली साहसी मलाला यूसुफजई की बहादुरी के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा मलाला के 16वें जन्मदिन पर 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित किया गया। मलाला को साल 2013 में भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।  2013 में ही मलाला को यूरोपीय यूनियन का प्रतिष्ठित शैखरोव मानवाधिकार पुरस्कार भी मिला।

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