हांगकांग में चीन की सेना ने संभाला मोर्चा, सड़कों पर किया कब्जा

Sunday, Nov 17, 2019 - 12:17 PM (IST)

पेइचिंगः पिछले 5 महीनों से हांगकांग में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पहली बार चीन ने यहां अपने सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी है। हांगकांग में जिस कानून के विरोध में लाखों की तादाद में प्रदर्शनकारी बार-बार सड़कों पर उतर रहे हैं, उस प्रस्तावित कानून के मुताबिक चीन के पास अधिकार है कि वह हांगकांग के किसी भी देश के नागरिक का कभी भी प्रत्यर्पण कर सकता है। चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक विश्व की सबसे बड़ी सेना ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिकों को हांगकांग में तैनात किया गया है।



इन सैनिकों को लगातार हो रहे प्रदर्शन को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चीनी सैनिक हांगकांग में सड़क पर से अवरोधकों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे वहां पर शांति व्यवस्था बनाई जा सके। हांगकांग में यह पहला मौका है जब पीएलए के सैनिकों को जन सामुदायिक कार्य में लगाया गया है। पीएलए के सैनिक यहां पर स्थानीय छावनी बनाएंगे। चीन की सबसे बड़ी सेना पीएलए के सैनिक हांगकांग की सड़कों पर हरे रंग की टी-शर्ट और काली पैंट पहने दिखाई दिए।

इन सैनिकों ने हाथों में लाल रंग की बाल्टी ले रखी थी। ये सभी सैनिकों को रेनफ्रीयू रोड पर लगे अपरोधकों को हटाते हुए देखा गया। चीन के सैनिकों ने बताया कि उनके कार्य का हांगकांग की सरकार से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बयान को दोहराते हुए कहा कि हिंसा रोकना और अव्यवस्था खत्म करना हमारी जिम्मेदारी है।



'क्यों हो रहा है विरोध?
हांगकांग में जिस कानून के विरोध में लाखों की तादाद में प्रदर्शनकारी बार-बार सड़कों पर उतर रहे हैं, उस प्रस्तावित कानून के मुताबिक चीन को अधिकार ​होता कि वह हांगकांग के किसी भी पलायक नागरिक यानी किसी और देश के नागरिक का प्रत्यर्पण कर सके। इस कानून को मानव अधिकारों और लोकतंत्र के लिए खतरा माना जा रहा है, क्योंकि ताइवान समेत यूएन, अमेरिका और कई नामचीन संस्थाएं इस कानून के बारे में चीन को पहले ही चेता चुकी थीं।

















 

Tanuja

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