तालिबान प्रवक्ता का Shocking दावाः पाकिस्तान में ली शिक्षा, अमेरिकी सेना की नाक तले ही की गतिविधियां

Monday, Sep 13, 2021 - 10:52 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान पर पिछले महीने तालिबान के नियंत्रण के बाद एक दशक में पहली बार संवाददाता सम्मेलन में मीडिया के सामने आए तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि वह राजधानी काबुल में अपने उन विरोधियों के आसपास रहते थे जो युद्ध के दौरान उन्हें 'काल्पनिक' शख्सियत मानते थे। वर्षों तक गुपचुप तरीके से काम करने वाले मुजाहिद ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के नौशेरा में हक्कानिया मदरसे में अध्ययन किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान विश्वविद्यालय या 'जिहाद विश्वविद्यालय' भी कहा जाता है। मुजाहिद का कहना है वह अमेरिकी और अफगान सेनाओं की नाक के नीचे अपनी गतिविधियों को अंजाम दिया करता था।

 

असल में मुजाहिद की प्रेस कांफ्रेंस के पहले तक खुद तमाम मीडियाकर्मी मानते थे कि इस नाम का कोई शख्स नहीं है। मुजाहिद (46) ने 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून'  को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका और अफगान नेशनल फोर्सेज  सोचती थीं कि मेरा कोई वजूद नहीं है।''तालिबन के प्रवक्ता ने कहा, ''मैं उनकी छापेमारी और पकड़ने के प्रयासों से इतनी बार बचा कि उन्हें लगने लगा कि 'जबीउल्लाह' कोई काल्पनिक व्यक्ति है, वास्तव में उसका कोई वजूद नहीं है।''उन्होंने कहा, ''और फिर भी, मैं अफगानिस्तान में स्वतंत्र रूप से घूमने में कामयाब रहा। मुझे लगता है कि इस धारणा ने उसमें मदद की।''

 

मुजाहिद ने कहा, ''मैं लंबे समय तक काबुल में रहा, वो भी सबके सामने। मैं देश के कोने-कोने में घूमता रहा। मैं वहां तक पहुंचने में भी कामयाब रहा, जहां तालिबान काम करता था और सारी जानकारी रखता था। हमारे विरोधियों के लिए यह काफी हैरान करने वाला था।''उन्होंने कहा, ''अमेरिकी सेना अक्सर मेरे ठिकाने के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय लोगों को पैसे दिया करती थी। मुझे लगता है कि उस जानकारी का उपयोग करते हुए उन्होंने मेरे बारे में कुछ पता लगाने की उम्मीद में दर्जनों खुफिया अभियान शुरू किए होंगे।''

 

मुजाहिद ने कहा, ''लेकिन मैंने न तो कभी अफगानिस्तान छोड़ा और न ही ऐसी कोई कोशिश की। मैंने ऐसा करने का सोचा भी नहीं।'' मुजाहिद साल 1978 में पक्तिया प्रांत के गर्देज जिले में पैदा हुए थे।तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में हक्कानिया मदरसे से इस्लामी न्यायशास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की। मुजाहिद ने कहा कि वह अपने पूर्ववर्ती की गिरफ्तारी के बाद तालिबान के प्रवक्ता बने।मुजाहिद ने यह भी कहा कि उन्होंने तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर को कभी नहीं देखा। उन्होंने मुल्ला उमर के उत्तराधिकारियों का जिक्र करते हुए कहा, ''लेकिन मैंने शेख मुल्ला मंसूर और शेख हेबतुल्ला के साथ काम किया है।''

Tanuja

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