पैंगोलिन में मिला कोरोना जैसे वायरस, चीन में खाया जाता है इसका मांस

Friday, Mar 27, 2020 - 02:43 PM (IST)

इंटरनेशनल डेेस्कः दुनियाभर के कई देशों में जहां कोरोना वायरस का कहर जारी है इसी बीच चीन से एक और हैरत में डालने वाली खबर आई है। दरअसल चीन में तस्करी करके लाए गए पैंगोलिन में ऐसा वायरस होने की पुष्टि हुई है जो कोरोना से मिलता-जुलता है। चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में अगर इस तरह के वायरस से बचना है तो बाजारों में जंगली जीवों की बिक्री पर रोक लगानी होगी। जर्नल नेचर में 26 मार्च को प्रकाशित हुए एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि कोविड-19 से मिलता-जुलता कोरोना वायरस पैंगोलिन जानवर में मौजूद है। यहां बता दें कि चीन की साउथ चाइना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पहले ही कहा था कि कोरोना वायरस के लिए पैंगोलिन जिम्मेदार है। उनका दावा था कि इंसानों में संक्रमण फैलने की वजह पैंगोलिन है।

यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना था कि कोरोना वायरस चमगादड़ से पैंगोलिन और फिर पैंगोलिन से इंसान में पहुंचा, हालांकि तब दुनियाभर के विशेषज्ञों ने रिसर्च पर सवाल उठाए थे। पैंगोलिन ऐसा स्तनपायी जीव है जिसका खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल होता है यही वजह है कि इस जानवर की तस्करी भी सबसे ज्यादा होती है। चींटिया खाने वाले इस जीव की तस्करी के चलते  यह विलुप्त होने की कगार पर भी हैं।जर्नल नेचर मे छपे शोध के मुताबिक चीन और दक्षिणपूर्व एशिया के जंगलों में पाए जाने वाले पैंगोलिनों पर अतिरिक्त नज़र रखे जाने की ज़रूरत है ताकि कोरोना वायरस के उभरने में उनकी भूमिका और भविष्य में इसांनों में उनके संक्रमण के खतरे के बारे में पता लगाने के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। 

 

पैंगोलिन के मांस को खाते हैं लोग
पैंगोलिन को बाहरी देशों में खासकर चीन में लोग खाना पसंद करते हैं। उनका कहना है कि इसका मांस काफी स्वादिष्ट होता है। वहीं एशिया में पारंपरिक चीनी दवाएं बनाने में भी इस जीव की खाल की डिमांड ज्यादा है। इसकी खाल से चीन में स्किन और गठिया की दवाई बनाई जाती है।

Seema Sharma

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