अफगानिस्तान में तालिबान हिंसा को नजरअंदाज करना चीन को पड़ेगा भारी: मामुंडजाय

Saturday, Jul 31, 2021 - 03:16 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत में अफगानिस्तान के दूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को चीन को चेतावनी दी कि तालिबान हिंसा को नजरअंदाज करना उसके लिए भारी पड़ सकता है।  भारत-अफगान सांस्कृतिक सप्ताह में भाग लेने के लिए रायसीना हाउस पहुंचे मामुंडजाय ने चीन पर यह कड़ी टिप्पणीकरते हुए  कहा कि  अगर अफगानिस्तान में आतंकी समूह संचालित होते रहे तो इसका बीजिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

 

चीन-तालिबान वार्ता और युद्ध से तबाह अफगानिस्तान पर इसके प्रभाव पर एक सवाल का जवाब देते हुए  मामुंडजे ने   चीन-तालिबान वार्ता के परिणाम पर कहा  यह कुछ ऐसा है जिस पर चीनी टिप्पणी करने में सक्षम होंगे लेकिन हमारे दृष्टिकोण से, इस क्षेत्र में चीन जैसी जिम्मेदार सरकारें तालिबान को बहुत कड़ा संदेश दें। हिंसा को खत्म करने का संदेश उनके लिए महत्वपूर्ण होगा।" मामुंडजे ने कहा कि चीन को भी आतंकवाद का सामना करना पड़ा है और अगर अफगानिस्तान में आतंकवादी समूह सक्रिय रहते हैं तो  वह आतंकवाद से पीड़ित होता रहेगा।"

 

उन्होंने चीनी सरकार से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन (तालिबान) से संबंध तोड़ने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि "चीनी सरकार को तालिबान से कहना चाहिए कि वह अफगान सरकार के साथ सार्थक शांति वार्ता शुरू करे और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के साथ संबंध तोड़ दे।"अफगान दूत ने कहा, "हम चाहते हैं कि इस क्षेत्र के सभी देश विशेष रूप से चीन और भारत जैसे प्रमुख देश तालिबान को कड़ा संदेश दें।"इससे पहले मंगलवार को तालिबान के फ्रंटलाइन नेता मुल्ला बरादर अखुंद ने अफगानिस्तान में अपने पदचिह्न का विस्तार करने के लिए बीजिंग के समर्थन की मांग करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।

Tanuja

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