चीन में मानवाधिकार अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा

Monday, Dec 14, 2015 - 10:56 AM (IST)

बीजिंग:मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले चीन के जाने माने अधिवक्ता पु झिकियांग के खिलाफ नफरत फैलाने और झगड़े के लिए उकसाकर समस्याएं खड़ी करने को लेकर आज मुकदमा चलाया गया । झिकियांग के वकील शांग बाओजुन ने बताया कि इस मामले में दोषी करार दिए जाने पर उनके मुवक्किल को आठ वर्ष तक की कैद की सजा काटनी पड़ सकती है । वह पिछले 19 महीनों से हिरासत में हैं। उनके वकील ने बताया कि अधिवक्ता पर माइक्रोब्लागिंग साइट पर सात पोस्ट लिखकर नफरत फैलाने का आरोप है ।

पोस्ट में शिनजियांग प्रांत के पश्चिमी क्षेत्र में चीन सरकार की नीतियों की आलोचना की गई थी और कई अधिकारियों की भी निंदा की गई थी । मानवाधिकार संगठन और पश्चिमी देश इस मामले को पिछले दो दशक के दौरान चीन में जारी मानवाधिकारों के हनन की एक और कोशिश के तौर पर देख रहे हैं । झिकियांग के मामले की सुनवाई से पहले बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने यहां स्थित नंबर 2 इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट को चारो ओर से घेर लिया । अदालत तक पहुंचने वाली सभी सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था बढा दी गई और पत्रकारों तथा नेताओं को वहां जाने से रोक दिया गया । इसके बावजूद झिकियांग के लगभग 40 समर्थकों ने अदालत के बाहर एकत्रित होकर उनके समर्थन में नारे लगाए । झिकियांग (50) को मई 2014 में उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था जब वह 1989 में तियानमेन चौक पर लोकतंत्र समर्थकों के दमन की स्मृति में एक मकान में आयोजित बैठक में हिस्सा लेकर निकले थे ।

उन्होंने सितंबर में मेडिकल पैरोल के लिए अपील की थी लेकिन अधिकारियों ने इसे मंजूरी नहीं दी । उन्होंने देश में कथित मानवाधिकार हनन के कई मामलों की पैरवी की है जिनमें कलाकर एई वीवी और न्यू सिटिजन्स मूवमेंट के कार्यकर्ताओं के मामले शामिल हैं । पिछले दो वर्ष में चीन सरकार ने ऑनलाइन अफवाहों के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ रखा है । इस दौरान सैकड़ों मानवाधिकार अधिवक्ताओं को हिरासत में लिया गया और एक पत्रकार को देश की गोपनीय सूचनाएं लीक करने के जुर्म में कैद की सजा दी गई है।   

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