अंटार्कटिका की आइस शेल्फ में बढ़ी दरार, साइंटिस्ट्स को इस बात का खतरा !

Friday, Jan 20, 2017 - 12:06 PM (IST)

लंदनः अंटार्कटिका की चौथी सबसे बड़ी आइस शेल्फ (हिमशिला) लार्सन सी आइस में 160 किमी लंबी दरार एक महीने में और बढ़ गई है। ब्रिटिश साइंटिस्ट के मुताबिक, दो हफ्तों में इस आइस शेल्फ में दरार करीब 9 किमी लंबी हो गई है। दिसंबर के दूसरे दो हफ्तों में ये 17 किमी बढ़ी यानी करीब एक महीने के अंदर इसमें करीब 27 मील लंबी दरार हो गई है। 

लार्सन सी आइस में दरार का सागर के समानान्तर बढ़ रही है। ब्रिटिश साइंटिस्ट इसे जलवायु परिवर्तन का ही नतीजा मान रहे हैं। साइंटिस्ट्स के मुताबिक. अगर ये दरार 20 किमी और बढ़ जाती है, तो करीब वेल्स देश के साइज का आइस बर्ग का एक बड़ा हिस्सा अलग हो जाएगा। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे और स्वानसी एंड एबरीस्टविथ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा, ये अब तक सबसे बड़ा आइस बर्ग होगा। 

अंटार्कटिक पेनिन्सुइला के ईस्टर्न इलाके में 350 मीटर चौड़ी आइस शेल्फ में ये दरार यूरोपीय यूनियन के सेन्टिनेस-1 सैटेलाइट सिस्टम के जरिए सामने आई है।  स्वानसी के प्रोफेसर एड्रियान लकमैन के मुताबिक, आकंड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि ये दरार कुल 195 किमी तक बढ़ेगी।  हालांकि, इसे बढ़ने में कितना वक्त लगेगा और आइस बर्ग कब इससे टूट तक अलग होगा, इसका अंदाज लगाना मुश्किल है। लकमैन के मुताबिक, ये दरार अब आइस शेल्फ के एक नए हिस्से में बढ़ रही है, जहां आइस काफी मुलायम है।

इससे दरार बढ़ने की रफ्तार धीमी होगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी इस बात का पूर्वानुमान लगाना असंभव है कि ये आइस शेल्फ कब टूटेगी, क्योंकि फ्रैक्चर की ये प्रक्रिया काफी उलझी हुई होती है। लकमैन ने कहा कि मेरा मन कहता है कि नए डेवलपमेंट कुछ हफ्तों और महीनों में कुछ बना होने का संकेत दे रहे हैं। लेकिन ये भी संभव है कि ये प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि जब आइसबर्ग इससे अलग होगा तो ये देखना होगा कि ये शेल्फ के स्ट्रक्चर को किसी तरह से प्रभावित करता है।

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