लाहौर अदालत ने किया सवाल, किस कानून के तहत कोहिनूर मांग रहा PAK

Thursday, Feb 11, 2016 - 03:48 PM (IST)

लाहौर:पाकिस्तान की एक अदालत ने याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में इस सवाल का जवाब देने को कहा है कि किस कानून के तहत पाकिस्तान प्रसिद्ध कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन से वापस लाने की मांग कर सकता है जबकि भारत सालों से इसे ब्रिटेन से हासिल करने की कोशिश में लगा है । याचिकाकर्ता बैरिस्टर जावेद इकबाल जाफरी ने लाहौर हाई कोर्ट को बताया कि कोहिनूर ‘पाकिस्तान की संपत्ति ’’ है और यह ब्रिटेन के ‘अवैध कब्जे’ में है । उन्होंने कहा, ‘‘ ब्रिटिश सरकार भारत को हीरा सौंपने से इंकार कर चुकी है । 

अब पाकिस्तान को इस पर दावा करना चाहिए क्योंकि उस पर पहला हक उसका है । इसे वापस लाना पाकिस्तान सरकार का कर्तव्य है ।’’ मामले पर सुनवाई के दौरान लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश खालिद महमूद खान ने याचिकाकर्ता से कानून के उस प्रावधान का उल्लेख करने को कहा जिसके तहत पाकिस्तान सरकार ब्रिटिश सरकार से हीरे की वापसी की मांग कर सकती है । 

अदालत मामले के गुण दोष पर सुनवाई कर रही थी । हाई कोर्ट ने संघीय और पंजाब के विधि अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 25 फरवरी को अगली सुनवाई पर हाजिर हों और इसके गुण दोष के बारे में अपने तर्क दें । पिछले दिसंबर को लाहौर हाई कोर्ट के पंजीयक कार्यालय ने याचिका के गुण दोष पर यह कहते हुए आपत्ति जाहिर की थी कि ब्रिटिश महारानी के खिलाफ मामले की सुनवाई के लिए अदालत के पास न्यायिक क्षेत्राधिकार नहीं है।

लेकिन आठ फरवरी को लाहौर हाई कोर्ट ने आपत्ति को खारिज कर दिया और याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया । इस मामले में ब्रिटिश महारानी, पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायोग और पाकिस्तानी सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है । जाफरी का कहना है कि ब्रिटेन ने यह हीरा महाराजा रंजीत सिंह के पौत्र दलीप सिंह से छीना था और इसे ब्रिटेन ले गए थे ।

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