कजाखस्तान ने 25 वर्षों में बहुत तरक्की की है- बुलत

Sunday, Dec 25, 2016 - 12:00 AM (IST)

नई दिल्ली: कजाखस्तान ने अपनी आजादी के 25 साल में बहुत तरक्की की है और इस दौरान उसने पूरी दुनिया से सम्मानजनक राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध बनाए हैं। यह बात भारत में कजाखस्तान के राजदूत बुलत सरसेनबायेव ने आजादी के पच्चीस साल पूरे होने के मौके पर कही।

उन्होंने बताया कि हमने जब आजादी हासिल की थी तब हमारे पास बहुत संसाधन नहीं थे और हमने एक शून्य से शुरूआत की। कजाखस्तान ने समाजवादी सोवियत व्यवस्था से सीधे खुले बाजार की रणनीति को अपनाया और बहुत कम समय में लोगों ने आत्मसात कर लिया। हमने रणनीतिक फैसले किए गए ताकि उम्मीद के मुताबिक देश का विकास किया जा सके।

बुलत ने बताया कि बड़े स्तर पर कजाखस्तान में निजीकरण किया गया, वित्त और बैंकिंग सिस्टम को खड़ा किया गया, राजनीतिक और आर्थिक सुधार किए गए जिसकी बदौलत ना सिर्फ हमें बाहरी निवेश मिला बल्कि हम नई राजधानी के तौर पर अस्ताना को संवारने पर कार्य कर पाए। कजाखस्तान 2030 और कैस्पियन सागर में पाइपलाइन योजना के तहत हमने आगे बढऩे की योजना बनाई।

राजदूत ने बताया कि 16 दिसम्बर 1991 को आजादी हासिल करने के बाद भारत और कजाखस्तान काफी करीब आए हैं। कजाखस्तान भारत को काफी महत्व देता है क्योंकि राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने सबसे पहले 1992 में भारत यात्रा की। बाद में वह 1996, 2002 और 2009 में भारत आए। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ दोतरफा संबंधों पर काफी प्रगति पर जोर दिया।

सरसेनबायेव ने बताया कि देश को संक्रमण से बचाने के लिए हमने पांच वर्षीय औद्योगिक नीति अपनाई है। सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए नूर झोल नाम की योजना बनाई है जिसमें औद्योगिक सुधार और विकास के लिए 100 बिन्दुओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

लोक प्रशासन, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के साथ हम छोटे और मझौले उद्योगों के उन्नयन के लिए काफी कार्य कर रहे हैं। हमने एक स्थिर विदेश नीति पर भी कार्य किया है। साल 2017-18 के लिए कजाखस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में गैर स्थाई सदस्य के रूप में भी चयनित हुआ है।

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