क्या जस्टिन ट्रूडो का भारत दौरा बन गया राजनयिक आपदा ?

Sunday, Feb 25, 2018 - 01:36 PM (IST)

इंटरनैशनल डैस्कः कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पहली बार भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए, लेकिन उनकी ये यात्रा न तो मीडिया में सुर्खियां बन रही है और न ही उनकी यात्रा को लेकर सरकार की तरफ़ से किसी तरह की गर्मजोशी दिख रही है। एेसे में सभी को यहीं लग रहा है जस्टिन ट्रूडो का भारत दौरा राजनयिक आपदा बन गया है।

ट्रूडो जब राजधानी दिल्ली पहुँचे तो उनकी आगवानी के लिए वहां भारत सरकार के एक जूनियर मंत्री मौजूद थे और राजनीतिक विश्लेषकों को मानना है कि ये संकेत है कि मोदी सरकार ट्रूडो की यात्रा को बहुत ज़्यादा तरजीह नहीं देना चाहती। हाल ही में जब इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर आए थे तो प्रधानमंत्री ने स्वयं उनकी आगवानी की थी और उन्हें गले लगाया था।

मोदी तब भी ट्रूडो के साथ नहीं थे, जब ट्रूडो सोमवार को मोदी के गृह राज्य गुजरात की यात्रा पर थे। सिर्फ़ मोदी ही नहीं, वरिष्ठ राजनेता भी ट्रूडो के साथ नहीं दिख रहे थे। पिछले साल पंजाब के मुख्यमंत्री ने कनाडा के रक्षा मंत्री हरिजीत सज्जन से मिलने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि वह "खालिस्तानियों से सहानुभूति" रखते हैं।

खालिस्तानी आतंकी अटवाल का मुद्धा रहा सुर्खियों में 
खालिस्तानी आतंकी अटवाल को दिए गए डिनर के निमंत्रण के मुद्दे को लेकर भी ट्रूडो का भारतीय दौरा सुर्खियों में रहा। जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी ट्रूडो की खालिस्तानी आतंकी के साथ ली गई तस्वीर वायरल होने के बाद से ही इस मुद्धे को हर जगह उठाया जा रहा है हालकि कैनडा के पी.एम जस्टिन ट्रूडो  ने इस मामले पर सफाई दे दी है। अब खबरें यह है कि कनाडा की खुफिया एजेंसी ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान उनके कार्यक्रमों में खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल की मौजूदगी के परिणामों के बारे में पहले ही चेता दिया गया था।

ट्रूडो को  झेलनी पड़ी अनदेखी
यद्यपि ट्रूडो को केवल भारत पहुंचने पर ही ऐसी अनदेखी नहीं झेलनी पड़ी बल्कि उसके बाद भी उन्हें इस तरह की उदासीनता का तब सामना करना पड़ा जब वह आगरा और अहमदाबाद की यात्रा पर गए। इन दोनों स्थानों पर यू.पी. और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने उनसे मिलने का कोई प्रयास नहीं किया। नि:संदेह दोनों ही किन्हीं कारणों से व्यस्त थे लेकिन यह तो सर्वविदित है कि ट्रूडो भारत दौरे पर आए हुए प्रधानमंत्री थे, कोई साधारण कनेडियन पर्यटक नहीं।

 

 

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