दुष्कर्म मामले में कोर्ट का करेंगे सहयोग असांजे, अमेरिका को देंगे चुनौती

Monday, Apr 15, 2019 - 11:19 AM (IST)

लंदनः अमेरिका के गुप्त दस्तावेज लीक करने व स्वीडन रेप मामले के आरोप में इक्वेडोर दूतावास से गिरफ्तार किए गए विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे ने स्पष्ट किया है कि स्वीडन में उन पर लगे दुष्कर्म के मामले में वह अदालत का सहयोग करेंगे, लेकिन अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पण की कोशिश को चुनौती देंगे। रविवार को असांजे की वकील जेनिफर रॉबिन्सन ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पण की कोशिश का पिछले कई वर्षो से विरोध किया जा रहा है।



असांजे लंदन में एक्वाडोर दूतावास में पिछले कई साल से रह रहे थे। पिछले गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनपर दुष्कर्म मामले में मिली जमानत की शर्ते तोड़ने का आरोप है। स्वीडन में दुष्कर्म मामले में 2012 में असांजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, जिससे बचने के लिए उन्होंने एक्वाडोर दूतावास में शरण ली थी। कोर्ट से असांजे को सशर्त जमानत मिली थी।

मूलरूप से ऑस्ट्रेलिया के नागरिक असांजे ने 2010 में अमेरिकी सेना से जुड़े कई गुप्त दस्तावेज लीक कर पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी थी। इसके बाद अमेरिकी सरकार द्वारा असांजे के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उनके प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है। गुरुवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद असांजे को अमेरिका भेजे जाने की संभावना भी जताई जा रही है। इसी का वह विरोध कर रहे हैं।


असांजे की हालत से पिता हैरान, ऑस्ट्रेलिया से लगाई बेटे की वापसी की गुहार
उधर, असांजे के पिता ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार से अपने बेटे को वापस लाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते लंदन में बेटे की गिरफ्तारी के बाद उसकी हालत देखकर वह स्तब्ध हैं।असांजे के पिता जॉन शिप्टन ने कहा कि वह 2012 में लंदन स्थिति इक्वाडोर दूतावास में शरण मिलने के बाद हर क्रिसमस के दिन बेटे से मिलने जाते थे।

 

वर्ष 2013 में सांसद का चुनाव लड़ने के लिए असांजे ने विकीलीक्स पार्टी बनाई थी और असांजे के पिता तब उसके सचिव थे। शिप्टन ने मेलबर्न स्थित एक अखबार को बताया कि विदेश विभाग और प्रधानमंत्री को इस मामले में बारीकी से कुछ करना चाहिए। इस मामले को सबकी संतुष्टि के लिए हल किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जूलियन असांजे को ऑस्ट्रेलिया लाने के लिए सिनेटर और विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई है।


इक्वाडोर के राष्ट्रपति ने असांजे की शरण वापस लेने के अपने फैसले का किया बचाव
इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने जूलियन असांजे को शरण देने के अपने फैसले को पलटने के हालिया कदम का बचाव करते हुए कहा कि विकीलीक्स के संस्थापक ने इक्वाडोर के लंदन दूतावास में ‘जासूसी केंद्र’ स्थापित करने की कोशिश की थी। राष्ट्रपति ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे क्षेत्र से और पूर्व सरकार के अधिकारियों की इजाजत से इक्वाडोर दूतावास में दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए सुविधाएं मुहैया कराई गईं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने घर का इस्तेमाल जासूसी केंद्र बनाने के लिए नहीं होने दे सकते हैं।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमारा फैसला स्वेच्छाचारी नहीं है, यह अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित है।’’

 

Tanuja

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